सीबीआइ डीएसपी हत्याकांड का खुलासा करने के करीब
सीओ जियाउल हक की हत्या का खुलासा सीबीआइ कभी भी कर सकती है। प्रधान की हत्या में कामता के दोनों बेटों की रविवार को गिरफ्तारी दिखाए जाने के बाद यह कयास लगाया जाने लगा है। बलीपुर में प्रधान नन्हे यादव, सुरेश यादव व सीओ जियाउल हक की हत्या के खुलासे का महीने भर से सभी को इंतजार है। हर कोई यह जानना चाहता है
प्रतापगढ़ [जासं]। सीओ जियाउल हक की हत्या का खुलासा सीबीआइ कभी भी कर सकती है। प्रधान की हत्या में कामता के दोनों बेटों की रविवार को गिरफ्तारी दिखाए जाने के बाद यह कयास लगाया जाने लगा है।
बलीपुर में प्रधान नन्हे यादव, सुरेश यादव व सीओ जियाउल हक की हत्या के खुलासे का महीने भर से सभी को इंतजार है। हर कोई यह जानना चाहता है कि सीओ की हत्या में राजा भैया की कोई भूमिका थी या नहीं। क्योंकि परवीन आजाद की ओर से राजा भैया और उनके करीबियों के खिलाफ दर्ज कराए गए मुकदमे के बाद ही प्रदेश ही नहीं संसद में हंगामा मचा था। यही वजह है कि तिहरे हत्याकांड की जांच सीबीआइ को सौंप दी गई थी।
सीबीआइ टीम 8 मार्च से कुंडा में डेरा डाले हुए है। महीने भर की जांच में सीबीआइ भगोडे़ पुलिसकर्मियों, प्रधान व हत्यारोपियों के परिजनों, एमएलसी गोपालजी, विधायक बाबागंज समेत राजा भैया के कई करीबियों, सैकड़ों ग्रामीणों से पूछताछ कर चुकी है। प्रधान के बेटे बबलू से पूछताछ के बाद होली के पहले नाटकीय ढंग से सीबीआइ ने सीओ की लूटी गई सर्विस पिस्टल, प्रधान को मारी गई गोली का तीन खोखे बरामद किए थे।
इस बीच रविवार को प्रधान की हत्या के आरोपी कामता के बेटों अजय व विजय को गिरफ्तार करके हत्या में प्रयुक्त पिस्टल, सिम बरामद करने का दावा कर दिया। इसके बाद यह कयास लगाया जाने लगा है कि अब कभी भी तिहरे हत्याकांड का खुलासा हो सकता है।
सूत्रों की माने तो महीने भर तक चली जांच में सीबीआइ घटनाक्रम का तार जोड़ने के साथ ही काफी कुछ साक्ष्य भी जुटा चुकी है। प्रधान की हत्या में प्रयुक्त पिस्टल, सीओ की लूटी गई सर्विस पिस्टल बरामद हो चुकी है। जबकि प्रधान व उनके परिजनों की पिस्टल, बंदूक, रायफल पहले ही कब्जे में ले ली गई थी। फोरेंसिक व बैलेस्टिक जांच में उन असलहों से फायरिंग होने की बात पुष्टि हो चुकी है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि तिहरे हत्याकांड का खुलासा कभी भी हो सकता है।
तबादले को हाईकोर्ट में दी चुनौती
प्रतापगढ़ [जासं]। सीबीआइ की मांग पर सामूहिक तबादले के शासन के आदेश को कुंडा सर्किल के सिपाहियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। तिहरे हत्याकांड की पड़ताल कर रही सीबीआइ टीम ने मंगलवार को डीजीपी को एक पत्र सौंपकर कुंडा सर्किल की फोर्स पर मदद न करने का आरोप लगाया था। इसे गंभीरता से लेते हुए शासन ने नवाबगंज, मानिकपुर, महेशगंज एसओ के साथ ही कुंडा सर्किल के चारों थानों के 111 पुलिसकर्मियों का तबादला बांदा, चित्रकूट जिले में कर दिया था। एक साथ सभी का तबादला कराने से पुलिसकर्मी आक्रोशित हो उठे। इसके बाद सिपाहियों ने हाईकोर्ट में रिट दायर करने के लिए आपस में चंदा जुटाया।
चर्चा है कि 80 सिपाहियों ने मिलकर तबादले के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में रिट दायर कर दिया है।
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