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डीएसपी हत्याकांड: तो क्या अब राजा भैया होंगे गिरफ्तार?

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के बलीपुर गांव में हुई डीएसपी हत्या के मामले में सीबीआइ ने गुरुवार को इलाके के बाहुबली विधायक व पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया। सीबीआइ ने गत दो मार्च की घटना के सिलसिले में कुल चार मुकदमे दर्ज किए हैं। उल्लेखनीय है कि डीएसपी की पत्नी की तहरीर पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने राजा भैया के खिलाफ हत्या की साजिश रचने का मुकदमा दर्ज किया था। इसी के बाद बीते सोमवार को राजा भैया ने प्रदेश मंत्रिमंडल से इस्तीफा दि

By Edited By: Published: Thu, 07 Mar 2013 04:44 PM (IST)Updated: Fri, 08 Mar 2013 09:19 AM (IST)
डीएसपी हत्याकांड: तो क्या अब राजा भैया होंगे गिरफ्तार?

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के बलीपुर गांव में हुई डीएसपी हत्या के मामले में सीबीआइ ने गुरुवार को इलाके के बाहुबली विधायक व पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया। सीबीआइ ने गत दो मार्च की घटना के सिलसिले में कुल चार मुकदमे दर्ज किए हैं। उल्लेखनीय है कि डीएसपी की पत्नी की तहरीर पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने राजा भैया के खिलाफ हत्या की साजिश रचने का मुकदमा दर्ज किया था। इसी के बाद बीते सोमवार को राजा भैया ने प्रदेश मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया था।

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पूर्व मंत्री के खिलाफ सीबीआइ ने हत्या का मुकदमा डीएसपी जिया उल हक की पत्नी परवीन आजाद की तहरीर के आधार पर दर्ज किया है। हत्या के अतिरिक्त राजा भैया पर आपराधिक साजिश, दंगा और हिंसा भड़काने के लिए सुनियोजित कृत्य करने का आरोप लगाया गया है। इन धाराओं में तीन अन्य भी आरोपी बनाए गए हैं। अब जांच का दायरा आगे बढ़ाते हुए सीबीआइ कभी भी राजा भैया से पूछताछ कर सकती है या उन्हें गिरफ्तार कर सकती है। इससे पहले सीबीआइ अधिकारियों की टीम मौका मुआयना के लिए बलीपुर गांव का दौरा भी करेगी। जांच में एजेंसी की लखनऊ इकाई की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

इससे पूर्व गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी करके मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो [सीबीआइ] को सौंप दी। सीबीआइ ने सक्रियता दिखाते हुए मामले की एफआइआर दर्ज कर राजा भैया को हत्या का आरोपी बना दिया। शहीद डीएसपी की पत्नी परवीन आजाद ने आशा जतायी है कि केंद्रीय जांच एजेंसी किसी राजनीतिक दबाव में नहीं आएगी, उन्हें न्याय की उम्मीद है। जांच एजेंसी ने बलीपुर गांव के प्रधान नन्हे यादव और उनके भाई सुरेश यादव की हत्या के मामलों को भी हाथ में लिया है। तीनों हत्या और घटनाक्रम की बाबत कुल चार मुकदमे दर्ज किए गए हैं। मामलों में संलिप्तता के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्तार रोहित सिंह और गुड्डू सिंह को अब सीबीआइ को सौंप दिया जाएगा, जिनसे आवश्यकतानुसार एजेंसी पूछताछ करेगी।

राजा भैया का नजदीकी रोहित सिंह प्रधान नन्हे यादव की हत्या का आरोपी है जबकि गुड्डू सिंह पर डीएसपी और सुरेश यादव की हत्या का आरोप है। दर्ज रिपोर्ट के अनुसार डीएसपी को रात नौ बजे मारा गया जबकि सुरेश यादव की हत्या उसके 15 मिनट बाद हुई। दर्ज मुकदमे में बताया गया है कि राजा भैया के निर्देश पर कुंडा नगर पंचायत अध्यक्ष गुलशन यादव, पूर्व मंत्री के प्रतिनिधि हरिओम श्रीवास्तव, पूर्व मंत्री के ड्राइवर रोहित सिंह और नजदीकी गुड्डू सिंह ने पहले डीएसपी की हॉकी और लोहे की रॉड से पिटाई की। इसके बाद उनकी गोली मारकर हत्या कर दी। प्रधान नन्हे यादव की हत्या के मामले में सीबीआइ ने अजय कुमार पाल, कमल कुमार पाल, अजीत सिंह और राजा भैया के नजदीकी राजीव कुमार सिंह को नामजद किया है।

कुंडा कांड: सीबीआइ ने दर्ज किये चार मुकदमे

लखनऊ। केन्द्रीय जांच ब्यूरो [सीबीआइ] ने गुरुवार को प्रतापगढ़ के वलीपुर गांव में सीओ कुंडा जियाउल हक और यादव बंधुओं की हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है। सीबीआइ ने प्रतापगढ़ के हथिगवां थाने में दर्ज चारो मुकदमों को ही टेकओवर किया है। सीबीआइ ने भी पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को सीओ की हत्या के षड्यंत्र का आरोपी बनाया है। इसके बाद एजेंसी ने साक्ष्य जुटाने शुरू कर दिए हैं।

सूत्रों के मुताबिक जांच के सिलसिले में सीबीआइ की एक टीम प्रतापगढ़ पहुंच गयी है। शुक्रवार को वरिष्ठ अधिकारियों के भी आने की संभावना है। गृह सचिव कमल सक्सेना ने गुरुवार को पत्रकारों को बताया कि कार्मिक मंत्रालय की अधिसूचना के बाद सीबीआइ ने मुकदमा दर्ज कर केस टेकओवर कर लिया है। जांच प्रक्रिया के संदर्भ में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अब सीबीआइ इस मामले में अधिकृत जांच एजेंसी है और जो कुछ भी करना है वही करेगी। उन्होंने बताया कि सीबीआइ ने हिन्दी और अंग्रेजी में मुकदमे की प्रतिलिपि मांगी थी जिसे मुहैया करा दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि सीबीआइ ने चार आपराधिक मामलों में पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया समेत 23 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इसके बाद अब सीबीआइ साक्ष्य जुटाने में लगी है। यद्यपि सीओ का मोबाइल, उनको लगी गोली और सर्विस रिवाल्वर अभी तक नहीं मिल सका है, जबकि जांच को सही दिशा देने के लिए सीबीआइ को सबसे पहले इन्हीं साक्ष्यों की जरूरत है।

सीबीआइ के एक अधिकारी ने घटना से जुड़े प्रमुख आरोपियों और सीओ की काल डिटेल निकालने के निर्देश दे दिये हैं। सूत्रों के मुताबिक सीबीआइ टीम के साथ मौके पर पहुंचे फोरेंसिक लैब के वैज्ञानिक घटनास्थल पर मिटाये गये साक्ष्यों की तहकीकात कर रहे हैं।

सीबीआइ के दर्ज मुकदमे

मुकदमा नंबर एक : नन्हें यादव की हत्या। हत्या का मुकदमा। आरोपी - कमल पाल, अजय पाल, अजित सिंह और राजीव सिंह।

मुकदमा नंबर दो : सीओ जियाउल हक की हत्या। वादी यूपी पुलिस। हत्या और लूट का मुकदमा। वादी पुलिस। आरोपी- सज्जन सिंह, रामसूरत, फूलचंद, पवन, सुधीर, बबलू, नन्हें लाल, घनश्याम सरोज, मंजीत यादव और रामलखन। [यूपी पुलिस ने राजा भैया के खिलाफ मुकदमा नहीं दर्ज कराया]

मुकदमा नंबर तीन : सुरेश यादव की हत्या। हत्या का मुकदमा। आरोपी- विजय कुमार, संजय कुमार, राजकुमार और संजय कुमार सिंह गुड्डू।

मुकदमा नंबर चार : सीओ जियाउल हक की हत्या। वादी- जियाउल की पत्नी परवीन आजाद। मारपीट, तोड़फोड़, हत्या और हत्या के षड्यंत्र का मुकदमा। आरोपी - गुलशन यादव, हरिओम श्रीवास्तव, रोहित सिंह, संजय सिंह गुड्डू और रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया।

क्या था घटनाक्रम

प्रतापगढ़ जिले के हथिगवां थाना क्षेत्र के वलीपुर गांव में दो मार्च को वलीपुर के ग्राम प्रधान नन्हें यादव की जमीनी विवाद में हत्या कर दी गयी। गांव में नन्हें यादव का शव लेने जब पुलिस पहुंची तो उपद्रव शुरू हो गया और पुलिस कर्मी पलायन कर गये। करीब दो घंटे बाद गांव में सीओ कुंडा जियाउल हक और ग्राम प्रधान के भाई सुरेश यादव का शव बरामद हुआ। हमलावर सीओ की मोबाइल और सर्विस रिवाल्वर लेकर फरार हो गये। अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि पहले सीओ की मौत हुई या सुरेश यादव की। यह भी रहस्य बना है कि दोनों को किसने मारा?

सीओ की पत्नी परवीन ने अपने पति की हत्या के षड्यंत्र का आरोप राजा भैया पर लगाया है। परवीन की तहरीर पर पुलिस ने तीन मार्च को राजा भैया के खिलाफ हत्या के षड्यंत्र का मुकदमा दर्ज किया। इसके पहले तीन और मुकदमे दर्ज हो चुके थे।

राजा भैया को गंवानी पड़ी कुर्सी

लखनऊ [जाब्यू]। कल्याण सिंह, रामप्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह, मुलायम सिंह यादव और अबकी अखिलेश यादव की सरकार में बेहद असरदार मंत्री रहे रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को इस घटना के बाद इस्तीफा देना पड़ा। सरकार ने उनकी कुर्सी छीन ली। अब उनकी गिरफ्तारी की मांग जोर पकड़ रही है।

राजा भैया की गिरफ्तारी में पूरा सहयोग करेगी सरकार

लखनऊ [जागरण संवाददाता]। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि प्रतापगढ़ के कुंडा में हुई घटना के मामले में पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह के विरुद्ध सीबीआइ ने प्राथमिकी दर्ज की है। सीबीआइ यदि उन्हें गिरफ्तार करेगी तो सरकार पूरा सहयोग करेगी। वह गुरुवार को लाल बारादरी में पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान पत्रकारों से बात कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने शहीद सीओ जियाउल हक की पत्‍‌नी परवीन आजाद के प्रार्थना पत्र पर दो दिनों के अंदर कार्रवाई का भरोसा दिलाते हुए हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार गांव से शहर की दूरियां कम करने का प्रयास कर रही है और शीघ्र ही उसके परिणाम दिखने लगेंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री ने कला को समाज का आइना बताते हुए चित्र कला प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि कला व संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने नीतियां बनाई हैं जिसके परिणाम शीघ्र दिखने लगेंगे। मुख्यमंत्री ने युवाओं को देश व समाज की रीढ़ बताया। संस्कृति मंत्री अरुण कुमारी कोरी ने भी कला प्रदर्शनी व कलाकारों की सराहना की।

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