कुंडा कांड: जांच में रोड़ा बने चार थाना प्रभारी हटाए गए
कुंडा में हुए सीओ जिया उल हक हत्याकांड में रोड़ा अटकाने की वजह से चार थानों के थानाप्रभारी हटाए जाएंगे। गौरतलब है कि सीबीआई ने जांच को प्रभावित किए जाने का आरोप लगाया था। कुंडा के डीएसपी जिला उल हक हत्याकांड मामले में जांच कर रही सीबीआई ने उत्तरप्रदेश सरकार को चिट्ठी लिखकर सिफारिश की थी कि
जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़। कुंडा में हुए सीओ जिया उल हक हत्याकांड में रोड़ा अटकाने की वजह से चार थानों के थानाप्रभारी हटाए गए। जिन पुलिस अधिकारियों को हटाया गया है उनमें अपर पुलिस अधीक्षक आशाराम यादव, कुंडा थाना प्रभारी प्रकाश राय, हथिगवां थाना प्रभारी निशिकांत राय, महेशगंज थाना प्रभारी अशोक पांडेय और नवाबगंज थाना प्रभारी अरविंद सिंह शामिल हैं। सीबीआई के पत्र पर त्वरित कार्रवाई करते हुए राज्य सरकार ने बुधवार को पांचों पुलिस अधिकारियों को हटाने के आदेश दिए।
गौरतलब है कि सीबीआई ने जांच को प्रभावित किए जाने का आरोप लगाया था। कुंडा के डीएसपी जिला उल हक हत्याकांड मामले में जांच कर रही सीबीआई ने उत्तरप्रदेश सरकार को चिट्ठी लिखकर सिफारिश की थी कि चार थानों के थाना प्रभारी और एक एएसपी जांच में अडंगा डाल रहे हैं।
यूपी सरकार से मांग की थी कि इन चार थानों के थाना प्रभारी सहित एक एएसपी आशाराम यादव का तबादला किया जाए, क्योंकि इनके कारण जांच में कोई प्रगति नहीं हो पा रही है। यूपी सरकार ने इनकी मांग को मान लिया है।
उधर डीएसपी समेत तिहरे हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआइ टीम की पूछताछ से आजिज आए प्रधान के परिजन नार्को टेस्ट कराने को तैयार हैं। उनका मानना है कि जो कुछ भी था, वह सीबीआइ को बता चुके हैं। फिर भी सीबीआइ को उनकी बातों पर यकीन नहीं हो रहा है, ऐसे में सीबीआइ उनका नार्को टेस्ट करा ले। इस मांग संबंधी पत्र तैयार करके प्रधान के पिता दुखीराम सीबीआइ को सौंपने की तैयारी कर रहे हैं।
बता दें कि बीते दो मार्च से अब तक प्रधान के परिवार से सीबीआइ टीम कई चक्र में पूछताछ कर चुकी है। वही बात बार-बार पूछने से प्रधान के परिजन तंग आ चुके हैं। सीबीआइ की पूछताछ के कारण मंगलवार को प्रधान के भाई पवन की हालत बिगड़ गई। इस पर प्रधान के पिता दुखीराम यादव का कहना था कि सीबीआइ की बार-बार पूछताछ से उनके परिवार की हालत दिनों दिन बिगड़ती जा रही है। बच्चे न तो पढ़ाई कर पा रहे हैं और न ही ठीक से खा पी रहे हैं। यही हाल घर की महिलाओं का है, जो परिवार के सदस्यों के बाहर होने पर दिन भर परेशान रहती हैं। ऐसे में पूरे परिवार का मानसिक शोषण हो रहा है। उनका कहना है कि अगर सीबीआइ टीम ऐसे ही पूछताछ करती रही तो उनका पूरा परिवार मानसिक रूप से विकलांग हो जाएगा और फिर कभी ठीक नहीं होगा।
पूछताछ से आजिज प्रधान के पिता ने कहा कि वह अपने पूरे परिवार के साथ नार्को टेस्ट कराने को तैयार हैं, ताकि डीएसपी समेत तिहरे हत्याकांड का राजफाश जल्द से जल्द हो सके और परिवारीजन इस सदमे से बाहर निकल सके।
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