प्रवासी पतियों से प्रताड़ित महिलाओं को इंसाफ दिलाएगी DSGPC, भगोड़े दूल्हों को लाएगी वापस
विदेश में बस गए भगोड़े दूल्हों को वापस लाने के लिए मुहिम शुरू की जाएगी।
नई दिल्ली (राज्य ब्यूरो)। विदेश में बसने के बाद पत्नी को छोड़ने की बढ़ती घटनाओं से दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीपीसी) चिंतित है। कमेटी का कहना है कि पंजाब सरकार के आंकड़े के अनुसार, पंजाब में इस समय प्रवासी भारतीयों द्वारा त्याग दी गई महिलाओं की संख्या लगभग 30 हजार है। इनको इंसाफ दिलाने के लिए कमेटी अपने स्तर पर प्रयास करेगी।
कमेटी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने कहा कि विदेश में बस गए भगोड़े दूल्हों को वापस लाने के लिए मुहिम शुरू की जाएगी। उनका कहना है कि किसी भी गुरुद्वारा में प्रवासी दूल्हे का आनंद कारज कराने से पहले उसकी जांच-पड़ताल की जानी चाहिए। उन्होंने श्रीअकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह को पत्र लिखकर इस संबंध में निर्देश जारी करने की अपील की है। साथ ही केंद्रीय गृहमंत्री और विदेश मंत्री को पत्र लिखकर पीड़ित महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लिए कानून बनाने की मांग की है। उन्होंने सरकार से भगोड़े दूल्हों को वापस लाने की भी मांग की। कमेटी में प्रवासी भारतीयों के लिए विशेष प्रकोष्ठ बनाने की भी घोषणा की गई। इसकी जिम्मेदारी कमेटी के कानूनी विभाग प्रमुख जसविंदर सिंह जौली को दी गई है।
उन्होंने कहा कि सिख इतिहास दूसरों की बहू-बेटियों की रक्षा करने का रहा है, लेकिन पंजाब में कुछ लोग विदेश में बसने के लिए महिलाओं को प्रताड़ित कर रहे हैं। विदेश में बसने के बाद ये लोग पत्नी को नारकीय जीवन जीने को मजबूर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश के कमजोर कानून से भी इस सामाजिक बुराई को बढ़ावा मिल रहा है। कानूनी लड़ाई में इन महिलाओं को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इसलिए कानून में बदलाव होना चाहिए। कमेटी के महासचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि इस मामले में कमजोर कानूनों को दूर करने के लिए विदेश मंत्रालय से संपर्क किया जाएगा। कारगर कानून के सहारे इस समाजिक बुराई को रोका जा सकता है।