कोरोना वायरस मरीजो के लिए दवा नियामक ने सभी राज्यों से औद्योगिक ऑक्सीजन देने की मांगी मंजूरी
ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए देश के शीर्ष दवा नियामक ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में दवा नियामकों को 24 घंटे के भीतर औद्योगिक ऑक्सीजन देने को कहा।
नई दिल्ली, एएनआइ। कोरोना वायरस रोगियों के इलाज के लिए ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए देश के शीर्ष दवा नियामक ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में दवा नियामकों को 24 घंटे के भीतर औद्योगिक ऑक्सीजन के निर्माताओं को अपेक्षित मंजूरी देने को कहा है।
एक पत्र में, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने कहा कि सप्लीमेंट ऑक्सीजन थेरेपी COVID-19 रोगियों का क्लीनकल मैनेंजमेट पार्ट है। इसलिए पूरे देश में चिकित्सा उपयोग के लिए ऑक्सीजन की उपलब्धता और आपूर्ति सुनिश्चित करना अत्यावश्यक है। उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया इंडस्ट्रियल गैसेस मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (AIIGMA) ने औद्योगिक ऑक्सीजन के निर्माताओं को 'मेडिकल के लिए ऑक्सीजन' बनाने की अनुमति देने के लिए एक प्रस्ताव बनाया है।
इस प्रस्ताव के मुताबिक, चिकित्सा उपयोग के लिए ऑक्सीजन की उपलब्धता और आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए लिए काम किया जाएगा। इसमें सभी का ध्यान रखते हुए तय किया गया है कि जिन परिसरों में औद्योगिक ऑक्सीजन के निर्माण की सुविधा है, उन्हें चिकित्सा उपयोग के लिए ऑक्सीजन का निर्माण करने के लिए विनिर्माण लाइसेंस दिया जाना चाहिए।
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने कहा कि मेडिकल ऑक्सीजन का निर्माण भारतीय फार्माकोपिया (Indian pharmacopoeia) में निर्धारित मानकों और नियमों के अनुसार लेबलिंग आवश्यकताओं के अनुपालन में किया जाएगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय मेडिकल ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करना चाहता है और सरकार ने सभी अस्पतालों को इसकी पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है ताकि COVID-19 रोगियों के इलाजमें कोई व्यवधान न हो। स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऑक्सीजन आपूर्ति के प्रमुख स्रोतों, ऑक्सीजन प्रणाली के घटकों और ऑक्सीजन की मानक आवश्यकता मात्रा के संचालन से संबंधित नए प्रोटोकॉल को तैयार किया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कोरोना वायरस रोगियों के इलाज के लिए ऑक्सीजन का उपयोग करने में सावधानी बरतने की जरूरत होती है और ऑक्सीजन की आपूर्ति करने के लिए उपकरणों को उसी कीटाणुशोधन उपचार की आवश्यकता होती है जैसा कि अस्पताल में अन्य मशीनरी और सतहों को दिया जाता है।