राजस्थान के मंत्री का बयान, शराब पीना या ना पीना नागरिक का मौलिक अधिकार
मीडिया ने जब शराब बंदी के बारे में खींवसर से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि शराब पीना या न पीना मौलिक अधिकार का मामला है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में शराब बंदी की मांग पर राज्य के उद्योग मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर का विवादित बयान सामने आया है। मंत्री का कहना है कि शराब पीना या न पीना व्यक्ति का मौलिक अधिकार है। शराब बंदी से शराब पीने की आदत पर रोक नहीं लग सकती। विपक्षी कांग्रेस ने कहा कि मंत्री का बयान शराब के सेवन को बढ़ावा देने वाला है।
जयपुर में बुधवार को भाजपा मुख्यालय पर मीडिया ने जब शराब बंदी के बारे में खींवसर से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि शराब पीना या न पीना मौलिक अधिकार का मामला है। जिन जगहों पर शराब बंदी हुई है वहां युवाओं ने व्यसन के गलत तरीके अपना लिए। इससे पीने की आदत नहीं बदल सकती। मंत्री ने यह भी माना कि उनकी बातों से तिल का ताड़ बन सकता है, लेकिन उन्होंने जो कहा है वह बिलकुल तार्किक है। कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष अर्चना शर्मा का कहना है कि मंत्री का बयान कानूनी और नैतिक दोनों तरह से गलत है। वह शराब सेवन को प्रोत्साहित कर रहे हैं।