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कोरोना काल में खूब पिया काढ़ा, अब 10 में से छह लोगों को पेट में अल्सर, हाइपर एसिडिटी की शिकायतें

इंदौर में कोरोना काल में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विभिन्न औषधियों एवं मसालों से बना काढ़ा पीने वाले लोग अब नई तरह की समस्या से जूझ रहे हैं। डॉक्टरों के पास पहुंचने वाले 10 में से छह लोग इन समस्याओं से परेशान हैं। पढ़ें यह रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 08:05 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 08:05 PM (IST)
कोरोना काल में खूब पिया काढ़ा, अब 10 में से छह लोगों को पेट में अल्सर, हाइपर एसिडिटी की शिकायतें
मसालों से बना काढ़ा पीने वाले लोग अब नई तरह की समस्या से जूझ रहे हैं।

इंदौर, जेएनएन। मध्य प्रदेश के इंदौर में कोरोना काल में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विभिन्न औषधियों एवं मसालों से बना काढ़ा पीने वाले लोग अब नई तरह की समस्या से जूझ रहे हैं। काढ़े के अत्यधिक सेवन से कई लोगों को पेट, मुंह, आहार नली और आमाशय में छाले, हाइपर एसिडिटी और त्वचा संबंधी रोग हो रहे हैं। डॉक्टरों के पास पहुंचने वाले 10 में से छह लोग इन समस्याओं से ग्रस्त बताए जाते हैं।

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पीने लगे मसालों वाला काढ़ा

मार्च के महीने में जब लॉकडाउन लगा था तभी इंदौर में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आना शुरू हो गए थे। लोग रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए औषधियों से युक्त काढ़े का सेवन करने लगे। लोग गिलोय, अश्वगंधा जैसी औषधियों के साथ घर में विभिन्न औषधीय मसालों वाला काढ़ा पीने लगे। अधिकांश लोगों ने न आयुर्वेद के पथ्य-अपथ्य नियम का ध्यान रखा, न ही काढ़े की मात्रा का।

जमकर पीया काढ़ा

बताया जाता है कि लोगों ने दस दिन तक सीमित मात्रा में लेने के बजाय सुबह-शाम जमकर काढ़ा पीना शुरू कर दिया। उसके दुष्परिणाम अब सामने आ रहे हैं। लोगों को पेट, आहार नली, मुंह में जलन व आमाशय में छाले जैसी समस्याएं होने लगी हैं। इंडियन डायटेटिक एसोसिएशन की राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य डॉ. प्रीति शुक्ला के मुताबिक 10 में से करीब छह लोग पेट, मुंह में छाले, अल्सर, एसिडिटी, पेट और सीने में जलन की समस्या लेकर आ रहे हैं।

ज्‍यादा काढ़े का सेवन नहीं करें

डॉ. प्रीति सिंह के अनुसार काढ़ा या चाय एक-एक कप, दिन में तीन बार से अधिक नहीं लेना चाहिए। यह समान अंतराल से लेना चाहिए। इनमें मसाले या औषधि की मात्रा भी एक कप में दो चुटकी से ज्यादा नहीं होना चाहिए। 13 साल तक की उम्र में एक कप, 13 से 23 साल तक की उम्र में दो कप और 23 वर्ष से अधिक उम्र वाले ही तीन कप काढ़ा या चाय लें, तो उचित हैं।

चेत जाएं, हो सकती है ये दिक्कतें

विशेषज्ञों के मुताबिक, गिलोय के अधिक सेवन से कब्ज और पाइल्स जबकि त्रिकूट काढ़े के अधिक सेवन से नाक से खून आना, आहार नली और आमाशय में छाले और लौंग, दालचीनी, इलायची के अधिक सेवन से नाक से खून आना, एसिडिटी व त्वचा पर दाने जैसी समस्‍याएं हो सकती हैं।

60 फीसद मरीजों में शिकायतें

महाराजा यशवंतराय अस्पताल, इंदौर के पेट रोग विशेषज्ञ डॉ. अतुल शेंडे ने कहा कि काढ़ा व चाय के अधिक और अनियमित सेवन से 30 से 60 वर्ष की उम्र के करीब 60 प्रतिशत मरीज पेट में जलन, मुंह में छाले, आमाशय में छाले की शिकायत लेकर आ रहे हैं। कोविड काल में एसिडिटी, पेट में छाले जैसी समस्या से ग्रस्त मरीजों की संख्या में 15-20 फीसद इजाफा हुआ है। सर्दियों में चाय के अधिक सेवन से यह संख्या 20 फीसद और बढ़ सकती है।  


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