कोरोना वायरस के खिलाफ उत्पाद विकसित करने में जुटा डीआरडीओ, जानें क्या है तैयारी
डीआरडीओ के चेयरमैन जी सतीश रेड्डी ने कहा है कि उनका संगठन सैनिटाइजरों और कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अन्य वस्तुओं का उत्पादन बढ़ाने की खातिर अथक परिश्रम कर रहा है।
नई दिल्ली, एएनआइ। डीआरडीओ के चेयरमैन जी सतीश रेड्डी ने कहा है कि उनका संगठन सैनिटाइजरों और कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अन्य वस्तुओं का उत्पादन बढ़ाने की खातिर अथक परिश्रम कर रहा है। रेड्डी ने शुक्रवार को बताया डीआरडीओ ने पिछले 15-20 दिनों में दिल्ली पुलिस, सशस्त्र बलों और अन्य सरकारी एजेंसियों को स्वनिर्मित 20,000 बोतल सैनिटाइजर दिया है।
प्रतिदिन 10,000 लीटर सैनिटाइजर का उत्पादन लक्ष्य
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री की ओर से आदेश मिलने के बाद डीआरडीओ के वैज्ञानिक कोरोना वायरस के खिलाफ कई तरह के उत्पाद विकसित करने में जुटे हैं। हमारा अगला लक्ष्य प्रतिदिन 10,000 लीटर सैनिटाइजर का उत्पादन करना है। उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिक संबंधित उद्योगों के साथ मिलकर दिन-रात काम कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक देश में कोरोना वायरस संकमितों की संख्या में प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है।
हैंड सेनेटाइजर उत्पादन को 600 से अधिक इकाइयों को मिली अनुमति
उधर, हैंड सेनेटाइजर की जबरदस्त मांग के मद्देनजर सरकार ने 600 से अधिक इकाइयों को उत्पादन की अनुमति दी है। तेजी से उत्पादन बढ़ाने के लिए इकाइयों को तीन शिफ्टों में भी चलाने को कहा गया है। सरकार ऐसी डिस्टीलरी और अन्य निर्माताओं को हर तरह की छूट भी देगी, ताकि उत्पादन बढ़ाकर मांग को पूरा किया जा सके। सरकार ने इसी के साथ हैंड सेनेटाइजर का अधिकतम खुदरा मूल्य भी तय कर दिया है। दो सौ मिलीग्राम हैंड सेनेटाइजर का मूल्य (एमआरपी) सौ रुपये से अधिक नहीं होगा।
डिस्टीलरी और चीनी मिलों को दी जाएंगी सभी सुविधाएं
डिस्टीलरी और चीनी मिलों को वो सारी सुविधाएं मुहैया कराने के साथ प्रोत्साहित किया जाए जो भारी मात्रा में हैंड सेनेटाइजर बनाने में मुफीद साबित हो सकें। सेनेटाइजर बनाने वाली इकाइयों को तीन शिफ्टों में चलाया जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा उत्पादन किया जा सके।
हैंड सेनेटाइजर के उत्पादन की अनुमति
सरकार ने ऐसी 45 डिस्टीलरी और 564 अन्य निर्माताओं को हैंड सेनेटाइजर के उत्पादन की अनुमति दे दी है। जबकि 55 अन्य डिस्टलरीज को एक या दो दिन के भीतर अऩुमति मिल जाएगी। अन्य कई और शुगर मिलों को इसके लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। अगले एक सप्ताह के भीतर इन मिलों और डिस्टीलरीज में हैंड सेनेटाइजर का उत्पादन शुरु हो जाएगा, जिससे उपभोक्ताओं और अस्पतालों की मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी।