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भारत में कोरोना वैक्सीन Sputnik V के ट्रायल की कवायद तेज, DGCI की मंजूरी के लिए फिर आवेदन

Coronavirus Vaccine Update डॉ. रेड्डीज लैब भारत में रूसी कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक V((Sputnik V) के दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल को संचालित करने के लिए एड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से अनुमोदन की मांग की है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Wed, 14 Oct 2020 12:45 PM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2020 01:09 PM (IST)
भारत में रूसी कोरोना वैक्सीन के ट्रायल की कवायद हुई तेज।

नई दिल्ली, एएनआइ। Coronavirus Vaccine Update, भारत में कोरोना वैक्सीन को लेकर एक अच्छी खबर आई है। भारत में रूसी कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक-V(Sputnik V) के ट्रायल को पिछले दिनों नामंजूर कर दिया गया था। इसके बाद भारतीय दवा निर्माता डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज (DRL) ने फिर से ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को एक संशोधित आवेदन प्रस्तुत किया है, जो भारत में रूसी COVID-19 वैक्सीन स्पुतनिक V(Sputnik V) के दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल को संचालित करने के लिए एक सरकारी अधिकारी से अनुमोदन की मांग कर रहा है।

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हाल ही में, डीसीजीआई के विशेषज्ञ पैनल ने सिफारिश की थी कि डॉ रेड्डीज लैब वैक्सीन के ट्रायल को मंजूरी दिलाने के लिए नए सिरे से संशोधित आवेदन प्रस्तुत करे। पिछले हफ्ते, विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने डॉ रेड्डी लैब द्वारा प्रस्तुत पिछले आवेदन का गहन मूल्यांकन किया। इसके बाद, एसईसी ने फार्मा कंपनी को अधिक जानकारी के साथ संशोधित प्रोटोकॉल के साथ आवेदन करने का निर्देश दिया था।

गौरतलब है कि डॉ रेड्डीज लैब ने स्पुतनिक V वैक्सीन के क्लीनिकल ​​परीक्षणों के साथ-साथ इसके वितरण के लिए रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (RDIF) के साथ हाथ मिलाया है। अधिकारी ने कहा कि अनुमति देने से पहले दवा नियामक डॉ रेड्डीज लैब द्वारा रूसी कोरोना वैक्सीन के भारत में दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल करने के लिए प्रस्तुत आवेदन का तकनीकी मूल्यांकन करेगा।

पिछले महीने रूसी डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) के सीईओ किरिल दिमित्री ने जानकारी दी थी कि रूस भारत सरकार और दवा निर्माता कंपनियों के साथ भारत में अपने स्पुतनिक वी वैक्सीन के उत्पादन के स्थानीयकरण के संबंध में बातचीत कर रहा है। 11 अगस्त को, स्पूतनिक वी वैक्सीन आरडीआईएफ और गेमालेया नेशनल रिसर्च सेंटर ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया था जो रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा पंजीकृत था और COVID-19 के खिलाफ दुनिया का पहला पंजीकृत वैक्सीन बन गया।


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