Move to Jagran APP

मध्य प्रदेश में मासूम से दुष्कर्म के बाद हत्या करने के दोषी को दोहरा मृत्युदंड

मासूम बच्ची से दुष्कर्म और हत्या करने वाले विष्णु भामौरे को जिला अदालत ने दोहरे मृत्युदंड की सजा सुनाई है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Fri, 12 Jul 2019 10:20 AM (IST)Updated: Fri, 12 Jul 2019 10:20 AM (IST)
मध्य प्रदेश में मासूम से दुष्कर्म के बाद हत्या करने के दोषी को दोहरा मृत्युदंड

भोपाल [नईदुनिया प्रतिनिधि]। मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित कोटरा सुल्तानाबाद क्षेत्र में 9 वर्षीय मासूम बच्ची से दुष्कर्म और हत्या करने वाले विष्णु भामौरे को जिला अदालत ने गुरुवार को दोहरे मृत्युदंड की सजा सुनाई है। इसमें एक हत्या के लिए और दूसरी सजा दुष्कर्म के लिए है। इसके अलावा अदालत ने दोषी को अप्राकृतिक कृत्य के अपराध में उम्र कैद, अपहरण व सबूत छिपाने के अपराध में सात साल की कैद और चार हजार रुपए जुर्माने की सजा भी सुनाई है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश कुमुदनी पटेल ने सुनाया है। अदालत का फैसला दुष्कर्म की घटना के 33 दिन में आ गया है।

loksabha election banner

हत्या के बाद भी किया था दुष्कर्म

आठ जून को मांडवा बस्ती में रहने वाली एक बच्ची रात आठ बजे दुकान पर सामान लेने गई थी, लेकिन फिर घर नहीं लौटी। परिजन ने पुलिस को सूचना दी। रात भर बच्ची के परिजन के साथ विष्णु बच्ची को ढूंढने का नाटक करता रहा। सुबह पांच बजे घर के समीप नाले के पास बच्ची का शव मिला। पोस्ट मार्टम रिपोर्ट से पता चला कि बच्ची के साथ हत्या से पहले दो बार और हत्या के बाद भी एक बार दुष्कर्म और अप्राकृतिक कृत्य किया गया है। विष्णु की झुग्गी से बच्ची की चूड़ियां मिली थीं। पुलिस ने कॉल डिटेल के आधार पर उसे खंडवा से गिरफ्तार किया था। विष्णु ने पुलिस को बताया था कि उसने रात भर बच्ची को ढूंढने का नाटक करने के बाद सुबह-सुबह बच्ची का शव नाले किनारे रख दिया था।

डीएनए और फॉरेंसिक टेस्ट रहा महत्वपूर्ण

पुलिस ने घटना के चार दिन बाद ही चालान पेश कर दिया था। चालान पेश किए जाते समय 34 गवाहों की सूची पेश की गई थी। सबूत जुटाने के लिए पुलिस ने डीएनए टेस्ट और आरएफएसएल जांच कराई थी जो अदालत के फैसले में महत्वपूर्ण सबूत साबित हुई। मामले में 20 जून से गवाही का दौर शुरू हुआ। अदालत ने गुरुवार को 57 पन्‍नों का फैसला सुनाया। 

भोपाल में दुष्कर्म मामले में चौथी फांसी

भोपाल की अदालत ने दुष्कर्म के मामलों में फांसी की यह चौथी सजा सुनाई है। इससे पूर्व तत्कालीन जिला न्यायाधीश रेणु शर्मा ने दिलीप बनकर, विशेष न्यायाधीश सईदा बानो रहमान ने मुस्तफा को फांसी की सजा सुनाई थी। इसके अलावा पूर्व जिला न्यायाधीश शैलेंद्र शुक्ला और सुष्मा खोसला भी एक-एक मामले में फांसी की सजा का फैसला सुना चुके हैं।

मप्र में फांसी के मामले

- सात लोगों को 2019 में सुनाई जा चुकी है फांसी की सजा

- छह मामले दुष्कर्म और दुष्कर्म के बाद हत्या के

- 2018 में 21 लोगों को फांसी की सजा सुनाई

- अब तक किसी भी राज्य में कभी 21 लोगों को नहीं सुनाई गई फांसी की सजा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.