दून कॉलेज का आतंकी बना छात्र लौटा मुख्यधारा में, त्राल आतंकी हमले में था शामिल
त्राल में हुए आतंकी हमले में शामिल युवा आतंकी दानिश ने परिजनों और दोस्तों के कहने पर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है।
श्रीनगर (राज्य ब्यूरो)। कश्मीर में गुमराह होकर आतंकवाद की राह पर चल पड़े स्थानीय युवकों को मुख्यधारा में लाने के सुरक्षाबलों के प्रयास सफल होते दिखाई दे रहे हैं। इसी के तहत उत्तरी कश्मीर के दानिश अहमद ने भी बंदूक छोड़ आत्मसमर्पण कर दिया है। दानिश वही आतंकी है जो गत 28 मई को त्राल में आतंकी सब्जार के जनाजे में हथियारों संग नजर आया था।
2016 में भी हिंसक पत्थरबाजी में पकड़ा गया था
दानिश अहमद उत्तरी कश्मीर में हंदवाड़ा के साथ सटे कुलनगाम के रहने वाले फारुक अहमद का बेटा है। दून पीजी कालेज ऑफ एग्रीकल्चर साईंस एंड टैक्नोलाजी देहरादून में बीएससी तृतीय वर्ष का छात्र दानिश वर्ष 2016 में वादी में हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान भी पत्थरबाजी के सिलसिले में पकड़ा गया था। लेकिन उसके भविष्य को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने कौंसलिंग के बाद उसके परिजनों के हवाले कर दिया था। कुछ समय पूर्व वह अचानक घर से गायब हो आतंकी बन गया। लेकिन उसका कोई पता नहीं चल रहा था कि वह कश्मीर में सक्रिय है या सरहद पार चला गया है। उसके परिजन भी मानने को तैयार नहीं थे कि उनका बेटा आतंकी बन चुका है। सुरक्षा एजेंसियां भी उसके आतंकी बनने को लेकर संशय में थी,क्योंकि उसकी कोई भी ऐसी तस्वीर या वीडियो नहीं थी जो उसके आतंकी बनने की बात की पक्के तौर पर पुष्टि करता हो।
सुरक्षा एजेंसियां ने तलाशा
गत 28 मई को दक्षिण कश्मीर के रठसुना त्राल में आतंकी सब्जार के जनाजे में एक आतंकी आया था। उसने पाऊच पहना हुआ था और उसके हाथों में ग्रेनेड व राइफल भी थी। उसकी यह तस्वीर सोशल मीडिया पर भी वायरल हुई। लेकिन लोग आतंकी का नाम बताने में असमर्थ थे। सुरक्षाबलों को जब यह तस्वीर मिली तो उन्हें पता चला कि जिस दानिश को वह उत्तरी कश्मीर के जंगलों में या गुलाम कश्मीर के आतंकी शीविरों में खोज रहे हैं, वह दक्षिण कश्मीर में हिजबुल के नेटवर्क में है। सेना की 21 आरआर और राज्य पुलिस के अधिकारियों ने दानिश के पिता व दोस्तों से संपर्क किया। उन्होंने उन्हें यकीन दिलाया कि वह दानिश से किसी तरह संपर्क करें और उसे मुख्यधारा में लौटने के लिए मनाएं। अगर वह ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कोई कठोर कानूनी कार्रवाई नहीं होगी, उसे पूरा इंसाफ मिलेगा। अन्यथा आज नहीं तो कल वह मारा जाएगा।
परिजनों व दोस्तों ने आत्मसमर्पण के लिए किया राजी
दानिश के दोस्तों और परिजनों ने अपने अपने तरीके से उससे संपर्क बनाया और उसे आत्मसमर्पण के लिए मना लिया। गत मंगलवार को उसने सुरक्षाबलों के समक्ष अपने परिजनों की मौजूदगी में सरेंडर कर दिया। पुलिस प्रवक्ता ने दानिश के सरेंडर की पुष्टि करते हुए बताया कि वह खुद भी हथियार डालने का रास्ता तलाश रहा था। दानिश ने पूछताछ में बताया कि वह सोशल मीडिया के जरिए दक्षिण कश्मीर में सक्रिय हिज्ब आतंकियों के संपर्क में आया और उन्होंने उसे सक्रिय आतंकी बनने को उकसाया था। आतंकी सरगना चाहते थे कि वह उत्तरी कश्मीर में स्थानीय लडक़ों को संगठन में भर्ती कर वहां भी दक्षिण कश्मीर जैसे हालात पैदा करे। दानिश ने पूछताछ के दौरान बताया कि आतंकी बनने के बाद उसे जिहाद और मुजाहिदीन की असलियत का अहसास हो गया। यह सिर्फ तबाही का रास्ता है। इसलिए जब उसके परिजनों ने उससे सरेंडर के लिए बात की तो उसने तुरंत हामी भर दी। प्रवक्ता ने बताया कि दानिश को जम्मू कश्मीर सरेंडर्ड मिलिटेंट्स रिहैबलीटेशन पॉलिसी के तहत पुनर्वासित किए जाने की योजना पर भी विचार किया जा रहा है।
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