भरी दोपहरी में अस्पताल के गेट पर नवजात के शव को नोंचते रहे कुत्ते, नहीं पहुंचा कोई जिम्मेदार
यह घटनाक्रम शनिवार दोपहर 12 बजे के आसपास जिला अस्पताल के मुख्य गेट के समीप का है। कुछ कुत्ते एक नवजात शिशु का शव नोंच रहे थे।
अशोकनगर, जेएनएन। जिला अस्पताल के गेट के पास एक नवजात बच्चे के शव को कुत्ते नोंचते रहे, लेकिन अस्पताल के अधिकारी-कर्मचारी मामले से अनभिज्ञ बने रहे। बाद में सूचना पर पुलिस पहुंची और कुत्तों को भगाकर नवजात के शव को पोस्टमार्टम कक्ष पहुंचाया। यह घटनाक्रम शनिवार दोपहर 12 बजे के आसपास जिला अस्पताल के मुख्य गेट के समीप का है। कुछ कुत्ते एक नवजात शिशु का शव नोंच रहे थे। इस दौरान कुछ लोगों ने पुलिस कंट्रोल रूम, सिटी कोतवाली और सिविल सर्जन को सूचना दी। इसके बावजूद वहां कोई जिम्मेदार नहीं पहुंचा।
यह सब एक घंटे तक चलता रहा। चौराहे पर मौजूद कुछ लोग ही नवजात के शव को कुत्तों से बचाती रहे। तब अस्पताल में मौजूद पुलिस चौकी के सहायक उपनिरीक्षक आरआर खलको मौके पर पहुंचे और स्वयं का गमछा मृतक नवजात के शरीर पर डाल दिया और सिटी कोतवाली पुलिस को सूचना दी गई।
नवजात शिशु को लावारिस छोड़ दिया लावारिस हालत पर
मौके पर मौजूद लोगों ने कहा कि हमने स्वयं सिविल सर्जन को घटना की जानकारी दी, लेकिन उन्होंने कह दिया यह हमारी जिम्मेदारी नहीं है, जबकि नवजात शिशु की नाल पर अस्पताल की क्लिप साफ दिखाई दे रही थी। इससे यह लग रहा था कि किसी महिला की प्रसूती के बाद मृत नवजात को उसके स्वजनों ने अस्पताल के बाहर लावारिस छोड़ दिया होगा, जिसे लेकर कुत्ते जिला अस्पताल के मेन गेट तक ले आए। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम कक्ष पहुंचाया। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. हिमांशु शर्मा से बात करने की कोशिश की, लेकिन उनका मोबाइल फोन रिसीव नहीं हुआ।
उत्तराखंड में भी हुई थी ऐसी घटना
पिछले ही दिनों ऐसा ही मामला उत्तराखंड के विकासनगर में देखने को मिला था। जहां बच्चे की जान बचा ली गई थी। कोतवाली अंतर्गत डाकपत्थर में कोई एक नवजात बच्ची को नाले किनारे फेंककर चला गया। मार्निंग वॉक पर निकली महिलाओं और पुलिस की सक्रियता से नवजात की जान बच गई। नवजात बच्ची को उपचार के लिए उपजिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था।