डॉक्टरों से कहा गया था, जयललिता की बीमारी बाहर न बताएं
अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप के कार्यकारी चेयरमैन प्रताप सी. रेड्डी ने कहा कि अस्पताल में तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की हालत गंभीर थी।
चेन्नई, आइएएनएस। अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप के संस्थापक और कार्यकारी चेयरमैन प्रताप सी. रेड्डी ने तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता के अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान की स्थितियों के बारे में नई जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि उस समय अपोलो हॉस्पिटल के चिकित्सकों को सलाह दी गई थी कि वे यह किसी को न बताएं कि जयललिता की हालत गंभीर है।
जयललिता को 11 सितंबर, 2016 को यहां अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पांच दिसंबर, 2016 को उनकी मृत्यु हो गई थी। तब अस्पताल की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि बुखार और डिहाइड्रेशन की शिकायत के बाद उन्हें भर्ती कराया गया था।
शनिवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में डॉ. रेड्डी ने रेखांकित किया, 'जयललिता गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराई गई थीं। बाद में उनकी हालत में सुधार दिखा था।' रेड्डी ने कहा कि डॉक्टरों को सलाह दी गई थी कि वे यह न बताएं कि जयललिता की हालत गंभीर है, क्योंकि फिर लोगों की भावनाओं पर काबू पाना मुश्किल हो जाता।
हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि जयललिता के स्वास्थ्य की वास्तविक स्थिति के बारे में नहीं बताने के लिए किसने डॉक्टरों को यह सलाह दी थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि जयललिता की मौत के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों की जांच के लिए गठित एक सदस्यीय आयोग की ओर से उन्हें कोई समन नहीं मिला है।
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