मौसम को लेकर न हो लापरवाह, ऐसा किया तो मुश्किल में पड़ जाएंगे आप, ये हैं बचाव
फरवरी और मार्च का महीना ऐसा होता है कि जब सर्दियों के जाने और गर्मियों के आने का इंतजार होता है। ये वक्त काफी मुश्किल भरा होता है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। मौसम जिस तेजी से करवट बदल रहा है उसी तेजी से इंसान भी प्रतिक्रिया कर रहा है। लेकिन यह प्रतिक्रिया दिमागी तौर पर की जा रही है। मसलन पिछले कुछ दिनों से ठंडक कुछ कम होने की वजह से मन में यह वहम आ गया है कि अब सर्दी गायब हो गई है। इसी वजह से कम कपड़ों को पहनकर हम सही मामलों में बीमारी को न्यौता देने की गलती कर बैठते हैं। आपको शायद हमारी बात मजाक लगे, लेकिन यह सच है। आपको बता दें कि भारत जैसा देश इस धरती पर शायद ही कोई दूसरा होगा, जहां कई ऋतुएं और कई तरह के मौसम बारी-बारी से आते हैं।
मौसम के लिहाज से तैयार होता शरीर
यह एक ऐसा देश है जहां दक्षिण में कुछ और मौसम होता है तो पूर्व में कुछ और, वहीं उत्तर में कुछ तो पश्चिम में कुछ और मौसम होता है। लेकिन फरवरी और मार्च का महीना ऐसा होता है कि जब सर्दियों के जाने और गर्मियों के आने का इंतजार होता है। खासतौर पर उत्तर और पूर्वी भारत में तो यह होता ही है। यह वक्त ऐसा होता है कि जब हमारा शरीर भी दोनों तरह के मौसम के लिहाज से अपनी तैयारी करता है। मसलन, सर्दियों के आने पर शरीर उसमें ढलने की आदत तैयार करता है तो वहीं इस मौसम में जब सर्दियां विदा लेने वाली होती हैं तो शरीर आने वाले मौसम के लिहाज से खुद को तैयार करता है। यही वजह है कि ये वक्त काफी मुश्किल भरा होता है और जरा सी गलती से शरीर को बीमारियां जकड़ लेती हैं। आज हम इसी मौसम में होने वाली बीमारियों और इनसे बचाव के बारे में बता रहे हैं।
ये होती हैं बीमारियां
मेदांता में इंटरनल मेडिसिन की प्रमुख डॉक्टर सुशीला कटारिया का कहना है कि इन दिनों में वायरल बुखार काफी तेजी से फैलता है। यह इसके अलावा खांसी और जुकाम बहुत तेजी से फैलता है। यह एक से दूसरे इंसान तक भी तेजी से फैलता है। इसके अलावा इस बार देश में स्वाइन फ्लू के मामले भी काफी सामने आए हैं, इन दिनों इससे भी बचाव की जरूरत काफी होती है। इसके अलावा दमा-अस्थमा, ब्लड प्रेशर और ब्रॉनकाइटिस से पीडि़त मरीजों को इस दौरान विशेष सावधानियां बरतनी बेहद जरूरी हैं। ऐसा न करने पर उन्हें इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है। ऐसा इसलिए है कि मौसम बदलने के दौरान इस तरह के पीडि़त मरीज इसकी चपेट में ज्यादा तेजी से आते हैं। शरीर में रोगों के खिलाफ लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता कम होना भी इसकी एक वजह है।
ये हैं बचाव
डॉक्टर सुशीला के मुताबिक इन सभी बीमारियों से बचाव का तरीका हमारे घर में ही मौजूद है। ऐसे में रात में हल्दी का दूध इन परेशानियों से बचाव में काफी हद तक सहायक है। उनके मुताबिक लोगों को इस मौसम में ऐसी बीमारियों से बचाव के लिए फ्लू वैक्सीन लगवानी चाहिए। यह वैक्सीन इन बीमारियों से बचाव में काफी सहायक है। इसके अलावा यदि आपके घर में भी 60 वर्ष से अधिक आयु के कोई व्यक्ति हैं तो इस वैक्सीन को लगवाना काफी जरूरी हो जाता है। इसके अलावा छह वर्ष की आयु के बच्चों को भी यह वैक्सीन लगवानी चाहिए। इसके अलावा दिल के रोगियों को धूम्रपान से दूर रहने की सलाह भी वह देती हैं।
ये बरतें सावधानी
इस दौरान खांसी जुकाम से परेशान लोगों को एक सावधानी और बरतनी चाहिए। वो ये कि कहीं भी खुले में न तो खांसें और न ही छीकें। इसके लिए रुमाल का इस्तेमाल करें। कई बार देखा ये गया है कि लोगों को जब खांसी या छींक आती है तो वह अपने मुंह पर हाथ लगा लेते हैं। लेकिन ऐसा करके वे दूसरों के लिए खतरा बन जाते हैं और अपनी बीमारी को आगे बढ़ा देते हैं। उनके हाथों में मौजूद वायरस दूसरे लोगों को जकड़ लेता है। लिहाजा छींकने और खासने पर रुमाल का प्रयोग करें।
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