करुणानिधि का पीएम पर तंज, बोले- मंत्री व भाजपा के लोग नहीं सुनते मोदी की बात
द्रमुक नेता एम करुणानिधि ने कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी का न तो अपनी पार्टी और न ही अपने मंत्रियों पर कोई नियंत्रण है। करुणानिधि का यह बयान नया विवाद खड़ा करने के साथ ही तमिलनाडु में भाजपा के साथ गठबंधन पर भी बुरा असर डाल सकता है।
चेन्नई। द्रमुक नेता एम करुणानिधि ने कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी का न तो अपनी पार्टी और न ही अपने मंत्रियों पर कोई नियंत्रण है। करुणानिधि का यह बयान नया विवाद खड़ा करने के साथ ही तमिलनाडु में भाजपा के साथ गठबंधन पर भी बुरा असर डाल सकता है।
माना जा रहा है कि करुणानिधि ने बीफ मामले पर विवादित बयानों को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा है। एक अखबार को दिए इंटरव्यू में द्रमुक नेता ने कहा कि पीएम मोदी काम करने से ज्यादा बात करते हैं। करुणानिधि के इस बयान के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि उनकी पार्टी डीएमके अगले साल तमिलनाडु में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के करीब नहीं जाएगी।
91 वर्षीय करुणानिधि ने कहा कि कार्यभार संभालने के बाद पीएम मोदी ने काफी यात्राएं की हैं और वे खूब बोलते हैं, लेकिन मुझे इस पर शक है कि मोदी की कैबिनेट और भाजपा के लोग उनकी बातों पर ध्यान देते हैं।
दादरी में बीफ खाने की अफवाह के बाद इखलाक को पीट-पीटकर मार दिए जाने की घटना के बाद भाजपा के कई नेताओं ने विवादित बयान दिए थे। बाद में मोदी ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के भाषण का सहारा लेते हुए लोगों से एकजुट रहने की अपील की थी, लेकिन उन्होंने इस मसले पर सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा था।
करुणानिधि ने कहा कि भाजपा ने जो वादे किए थे, उन्हें पूरा करने की जगह पार्टी अब बेतुके बयानबाजी में फंसी हुई है। द्रमुक नेता ने कहा कि संसद में कामकाज सुचारु रूप से चलाने का जिम्मेदारी भाजपा की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विपक्ष में रहते हुए वही काम कर रही है, जो भाजपा ने उनके सत्ता में रहते हुए किया था।
करुणानिधि ने इस बातचीत में अपने तीसरे बेटे व संभावित उत्तराधिकारी स्टालिन की तारीफ तो की, लेकिन यह साफ नहीं किया कि स्टालिन ही पार्टी के अगले नेता हैं। इस मसले पर उनका कहना था कि मैं अकेला कोई फैसला नहीं कर सकता। कोई भी फैसला जनरल बॉडी और कार्यकारी समिति की बैठक के बाद ही किया जाएगा। मैं न भी कहूं तो भी यह बात सभी जानते हैं कि पार्टी में नेतृत्व के लिए स्टालिन योग्य व्यक्ति हैं।
साभारः नई दुनिया