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पांच दिनी दीपोत्सव की शुरुआत आज से, जगमगाई अयोध्या; रतलाम में सजा लक्ष्मी का दरबार

सरयू तट जगमग उठा है, इधर रतलाम में मां लक्ष्मी तो उज्जैन में महाकाल का दरबार भी रौनकस से भरपूर है।

By Arti YadavEdited By: Published: Mon, 05 Nov 2018 09:40 AM (IST)Updated: Mon, 05 Nov 2018 10:59 AM (IST)
पांच दिनी दीपोत्सव की शुरुआत आज से, जगमगाई अयोध्या; रतलाम में सजा लक्ष्मी का दरबार
पांच दिनी दीपोत्सव की शुरुआत आज से, जगमगाई अयोध्या; रतलाम में सजा लक्ष्मी का दरबार

अयोध्या/रतलाम/उज्जैन/मंदसौर, ब्यूरो भगवान श्रीराम के 14 वर्ष वनवास से अयोध्या लौटने की खुशी तौर पर मनाया जाने वाले पांच दिनी दीपपर्व की सोमवार को धनतेरस से शुरुआत हो रही है। तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। अयोध्या सज गई है। सरयू तट जगमग उठा है, इधर रतलाम में मां लक्ष्मी तो उज्जैन में महाकाल का दरबार भी रौनक से भरपूर है। पीएम मोदी ने इस अवसर पर शुभकामनाएं देते हुए ट्विटर पर लिखा, 'धनतेरस के पावन अवसर पर सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। भगवान धन्वंतरि हम सबको जीवन में सुख, समृद्धि एवं उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करें।'

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1. अयोध्या : दीप प्रज्वलन की तैयारियों से दमके घाट देश-दुनिया के लिए अनूठे आकर्षण, हिंदू समाज के लिए आस्था और अयोध्या को गौरवान्वित करने वाले तीन दिनी दीपोत्सव का रविवार को रंगबिरंगी छटा के साथ शुभारंभ हुआ। राम की पैंडी परिसर में स्वरूप प्रतियोगिता आयोजित की गई। भगवान राम व मां जानकी की गरिमामयी आभा से अलंकृत 25 जोड़ों में से राम-सीता की हूबहू छवि, भाव-भंगिमा, साज-सज्जा, पौरुष-पराक्रम, करुणा-विनम्रता वाले पांच जोड़ों को चुना गया। ये जोड़े मंगलवार को भगवान राम-सीता के विभिन्न प्रसंगों को जीवंत करेंगे।

उधर, दीप प्रज्वलन की तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं। इस बार दीपोत्सव में विश्व कीर्तिमान भंग करने से करीब दो गुने यानी तीन लाख 35 हजार दीप जलाए जाने हैं। अंतरराष्ट्रीय ख्याति के कलाकार सुदर्शन पटनायक ने अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय परिसर में बालू की मोटी सतह पर भगवान राम की आकृति उकेरना शुरू कर दिया है। इसमें 10 ट्रक बालू लगेगी। सोमवार से ही कृति का आकार स्पष्ट होने लगेगा।

2. मंदसौर: केदारनाथ के बाद मंदसौर में शिव पंचायत में 'कुबेर' पशुपतिनाथ मंदिर, रावण की पत्नी मंदोदरी के मायके के साथ ही कुबेर की मूर्ति के लिए भी मंदसौर प्रसिद्ध है। विश्व में कुबेर की दो ही मूर्तियां हैं। बताया जाता है कि श्री केदारनाथ के बाद मंदसौर में धौलागढ़ महादेव मंदिर में ही शिव पंचायत में भगवान कुबेर विराजित हैं। हर धनतेरस पर यहां विशेष आराधना होती है। खिलचीपुरा स्थित 1200 वषर्ष पुराने इस मंदिर में कुबेर की मूर्ति सातवीं शताब्दी की है। पं. हेमंत गिरी ने बताया कि कुबेर मंदिर सुबह चार से विशेषष अनुष्ठान शुरू होंगे। महाभिषषेक, हवन व पूजन, आकषर्षक श्रृंगार किया जाएगा।

3. रतलाम: 100 करोड़ के धन से सजा महालक्ष्मी का दरबार माणकचौक स्थित महालक्ष्मी मंदिर धन-वैभव से सज चुका है। नकदी, आभूषषण, हीरे-जवाहरात सभी को मिलाकर 100 करोड़ से अधिक की सामग्री से मंदिर की सजावट हुई है। महालक्ष्मी के इस खजाने के दर्शन धनतेरस से होंगे। शुभ मुहूर्त में सुबह 4.30 बजे मंदिर खुलेगा। मंदिर से कु बेर पोटली का वितरण भी दिनभर में शुभ मुहूर्त में किया जाएगा।

4. उज्जैन: महाकाल के आंगन में दीपपर्व का उजास ज्योतिर्लिग महाकाल मंदिर में सोमवार से चार दिनी दीपोत्सव की शुरुआत होगी। धनतेरस पर पुरोहित समिति सुबह नौ बजे भगवान का पंचामृत अभिषेक पूजन करेगी। इस दिन मंदिर में विक्रय किए जाने वाले चांदी के सिक्कों की शगुन बतौर खरीदी भी करेंगे। मंगलवार को रूप चौदस पर राजा के आंगन में दीपावली मनेगी। तड़के चार बजे भस्मारती में साल में एक बार पुजारी परिवार की महिलाएं भगवान महाकाल को उबटन लगाएंगी। इसके बाद अभ्यंग स्नान कराया जाएगा। श्रृंगार के बाद अन्नकूट लगाकर आरती की जाएगी। बुधवार को दीपावली पर नित्य होने वाली चार आरती में भगवान का विशेष श्रृंगार होगा।


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