Move to Jagran APP

97 कानूनों में बदलाव कर खत्म किया जाए कुष्ठ रोगियों से भेदभाव, केंद्र और राज्यों के लिए एनएचआरसी ने जारी की एडवाइजरी

एडवाइजरी में कहा गया है कि सरकार ऐसी व्यवस्था करे जिसमें बताया जाए कि कुष्ठ रोग इलाज से ठीक होने वाली बीमारी है। कुछ दवाओं के जरिये इसे ठीक किया जा सकता है। उसके बाद व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है सफल वैवाहिक जीवन भी इसमें शामिल है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 10:33 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 10:50 PM (IST)
97 कानूनों में बदलाव कर खत्म किया जाए कुष्ठ रोगियों से भेदभाव, केंद्र और राज्यों के लिए एनएचआरसी ने जारी की एडवाइजरी
व्यापक जागरूकता अभियान चलाए जाने पर भी दिया जाए जोर (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, प्रेट्र। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने केंद्र, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों के लिए एडवाइजरी जारी कर उन 97 कानूनों से भेदभावपूर्ण प्रविधान हटाने के लिए कहा है जो कुष्ठ रोग से पीड़ित व्यक्तियों का रास्ता रोकते हैं। इन प्रविधानों के चलते कुष्ठ रोगी उन सुविधाओं का लाभ नहीं ले पाते जो देश के नागरिकों के लिए होती हैं।

loksabha election banner

एनएचआरसी ने यह भी कहा है कि कुष्ठ रोग की समय से पहचान, उसके इलाज और उसको खत्म करने की उचित व्यवस्था भी की जाए जिससे पीड़ित व्यक्ति को भेदभाव का सामना न करना पड़े। यह एडवाइजरी एनएचआरसी के प्रमुख जस्टिस (रिटायर्ड) अरुण कुमार मिश्र की ओर जारी की गई है। इसमें सरकार को इस तरह की कानूनी व्यवस्था बनाने की भी सलाह दी गई है जिसके तहत कुष्ठ रोग से पीड़ित व्यक्ति के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने पर कार्रवाई हो। कुष्ठ रोगी को स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और जमीन के मालिकाना हक की सुविधाएं और अधिकार सामान्य व्यक्ति जैसे ही मिलना सुनिश्चित किया जाए।

बताया जाए कि कुष्ठ रोग इलाज से ठीक होने वाली है बीमारी

एडवाइजरी में कहा गया है कि सरकार ऐसी व्यवस्था करे जिसमें बताया जाए कि कुष्ठ रोग इलाज से ठीक होने वाली बीमारी है। कुछ दवाओं के जरिये इसे ठीक किया जा सकता है। उसके बाद व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है, सफल वैवाहिक जीवन भी इसमें शामिल है।

कुष्ठ रोग से जुड़ी भ्रांतियां दूर करने वाली बातें शामिल करने की सलाह

साथ ही एडवाइजरी में कहा गया कि यह भी बताया जाए कि पीड़ित परिवार के साथ रहकर स्वस्थ हो सकता है और सामान्य व्यक्ति जैसे सारे कार्य कर सकता है। इसके लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाए जाने पर जोर दिया गया है। स्कूलों के पाठ्यक्रम में कुष्ठ रोग से जुड़ी भ्रांतियां दूर करने वाली बातें शामिल करने की सलाह दी गई है जिससे सामाजिक सोच में बदलाव आ सके।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.