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MH370 हादसाः मनहूस पलों का सिलसिलेवार होगा खुलासा

हादसे के बाद एक साल तक चली MH370 की खोज अब पूरी होने की दिशा में है। नवीनतम खोज वो हादसे के वो सारे मनहूस पल बयां करेगी जिसे जानकर रोंगटे खड़े हो जाएंगे। यहां तक कि हादसे के अंतिम घंटों तक की खबर इस खोज में मिल सकती है।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2015 07:51 AM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2015 03:14 PM (IST)
MH370 हादसाः मनहूस पलों का सिलसिलेवार होगा खुलासा

नई दिल्ली। हादसे के बाद एक साल तक चली MH370 की खोज अब पूरी होने की दिशा में है। नवीनतम खोज वो हादसे के वो सारे मनहूस पल बयां करेगी जिसे जानकर रोंगटे खड़े हो जाएंगे। यहां तक कि हादसे के अंतिम घंटों तक की खबर इस खोज में मिल सकती है। जांच में लगी विशेषज्ञों की टीम का मानना है कि हादसे के सभी रहस्य बेपर्दा होंगे।

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MH370 हादसा जानें तब से अब तक

8 मार्च 2014: MH370 12:41 पर कुआलालंपुर से रवाना हुआ और 1:30 पर मलेशियाई नागरिक रडार से गायब हो गया। विमान 2:15 तक सैन्य रडार पर दिखाई देता रहा था।

-विमान के लापता होते ही वियतनाम ने दक्षिण चीन सागर में तलाशी अभियान शुरू कर दिया था।

15 मार्च: मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक ने विमान के लापता होने के बाद बयान दिया था कि लगता है विमान को गलत रास्ते पर जानबूझकर उड़ाया गया है और उस वक्त विमान की संचार प्रणाली और ट्रांसपोंडर को बंद कर दिया गया था।

- सैटेलाइट डेटा ने विमान की अंतिम लोकेशन हिंद महासागर में बताई थी। लापता विमान की खोज में 26 देशों ने भाग लिया था।

24 मार्च: नजीब रजाक ने गहरे दुख के साथ घोषणा की थी कि MH370 हिंद महासागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया है।

30 मार्च: आस्ट्रेलिया और चीन, जापान, मलेशिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया और संयुक्त राज्य अमेरिका ने एक साथ खोजी अभियान चलाया था।

29 जनवरी 2015: मलेशिया की सरकार ने यात्रियों और चालक दल को मृत घोषित कर दिया था। इसपर यात्रियों के गुस्साए परिजनों ने यात्रियों के मौत का सबूत मांगा था।

8 मार्च: एक अंतरराष्ट्रीय जांच दल ने लापता विमान के बारे में अंतरिम रिपोर्ट सौंपी थी कि ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं जिससे चालक दल के सदस्यों को दोषी ठहराया जा सके या और ऐसे भी सबूत नहीं मिले जिससे विमान में किसी तकनीकी खराबी के बारे में पुष्टि हो सके।

यह भी कल्पना की गई थी कि अचानक अॉक्सीजन की कमी से चालक दल अक्षम हो गया हो और अंतिम इंधन तक विमान उड़ता रहा हो।

29 जुलाई: दो मीटर लंबी (लगभग सात फुट) विमान के विंग का हिस्सा हिंद महासागर में ला रीयूनियन फ्रेंच द्वीप के समुद्र तट पर पाया गया। दो दिन बाद ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने कहा कि विमान का हिस्सा MH370 की ही है। विमान के हिस्से को विस्तृत जांच के लिए फ्रांसीसी सैन्य को सौंप दिया गया था।

2 अगस्त: मलेशियाई परिवहन मंत्री Liow Tiong ने अधिकारिक पुष्टि की थी कि विमान का हिस्सा बोइंग 777 का ही है।

5 अगस्त: मलेशिया, चीन, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और संयुक्त राज्य अमेरिका के विशेषज्ञों और जांचकर्ताओं ने भी विंग के भाग की जांच शुरू कर दी है।


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