संसद में गांधी के सामने सावरकर की पेंटिंग शर्मनाक: दिग्विजय
संघ-भाजपा पर प्रहार के लिए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने विवाद का नया पिटारा खोला है।
संजय मिश्र, नई दिल्ली। भाजपा और संघ के खिलाफ अपनी मुखरता के लिए चर्चित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने अब संसद के केन्द्रीय कक्ष में संघ से जुड़े स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर की तस्वीर लगाने को शर्मनाक बताते हुए विवादों का नया पिटारा खोल दिया है। उनका कहना है कि यह शर्म की बात है कि संसद में गांधीजी की तस्वीर के सामने सावरकर की पेंटिंग लगी है। संघ पर सियासी प्रहार करते हुए दिग्विजय ने कहा है कि यह शर्म की बात है कि गांधी को मारने वाली विचारधारा अब भी जिंदा है।
संघ-भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राजनीतिक मुकाबले के लिए कांग्रेस के आक्रामक वैचारिक जंग लड़ने के मुखर हिमायती दिग्विजय की सावरकर की जयंती के दो दिन बाद ही उन पर की गई टिप्पणी के सियासी मायने हंै। खासकर यह देखते हुए कि 26 मई को भाजपा-एनडीए से सियासी मुकाबले के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की पहल पर एकजुट हुई 17 विपक्षी पार्टियों ने केन्द्र की मौजूदा सत्ता से सीधी वैचारिक लड़ाई का ऐलान किया है।
दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को टिव्टर के जरिए सावरकर के स्वतंत्रता सेनानी होने पर सवाल उठाने वाली टिप्पणियां की। टिव्ट में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कहते हैं कि बापू हम शर्मिदा हैं तेरे कातिल यानि गांधी को मारने वाली विचाराधारा न केवल जिंदा है बल्कि झूठ और फरेब के बल पर अब काबिज है। इससे टिप्पणी से साफ है कि उनके निशाने पर केन्द्र की भाजपा सरकार है।
सावरकर पर अपने प्रहार को जायज ठहराने के लिए दिग्विजय ने पंडित जवाहर लाल नेहरू और सावरकर के जेल के दिनों की भी तुलना की है। उन्होंने कहा कि जो लोग तथ्य न जानते हों उन्हें यह याद रखना चाहिए कि नेहरू आजादी की जंग में 10 साल जेल में रहे और इस दौरान भारत एक खोज पुस्तक लिखी। वहीं सावरकर ने ब्रिटिश सरकार को अपनी रिहाई के लिए 9 दया याचिकाएं लिखी। कांग्रेस में संघ-भाजपा से मुकाबले के लिए विचाराधारा के स्तर पर सीधी लड़ाई के पैरोकार दिग्विजय ने अपनी इन टिप्पणियों के दौरान भी यह बात दुहराई। उन्होंने कहा है कि फासीवादी ताकतों से उनकी लड़ाई आखिरी सांस तक चलती रहेगी।
वीर सावरकर के खिलाफ टिव्ट के बारे में पूछे जाने पर दिग्विजय ने दैनिक जागरण से कहा कि जो संघ और सावरकर पर मेरा नजरिया है वह मैंने कहा है। गांधी के सामने संसद में सावरकर की तस्वीर लगाना गलत है। यह पूछे जाने पर कि वाजपेयी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के दौरान सावरकर की पेंटिंग लगाई गई उसे मंजूरी देने वाली संसदीय समिति में कांग्रेस के तत्कालीन नेता प्रणव मुखर्जी भी शामिल थे। दिग्गी राजा ने कहा कि यह सच है कि प्रणव दा समिति में थे मगर यह गलत है यह मेरा नजरिया है। कांग्रेस पार्टी उनके इस नजरिये से सहमत है इस पर दिग्विजय ने कहा कि इसका जवाब पार्टी से पूछिए पर मैं अपनी बात पर कायम हूं।
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