IAS और PCS अधिकारी में क्या है अंतर, आसान भाषा में जानें
IAS और PCS दोनों ही सेवाएं देश की सबसे प्रतिष्ठित सिविल सेवाओं में से एक मानी जाती है। इन दोनों प्रशासनिक सेवाओं में जाने का सपना लाखों लोगों का होता है। दोनों ही परीक्षा में शामिल उम्मीदवारों को आसानी से सफलता मिलना इतना आसान नहीं होता है। फाइल फोटो।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। IAS और PCS दोनों ही सेवाएं देश की सबसे प्रतिष्ठित सिविल सेवाओं में से एक मानी जाती है। इन दोनों प्रशासनिक सेवाओं में जाने का सपना लाखों लोगों का होता है। यही वजह है कि बीते कई वर्षों में संघ लोक सेवा आयोग(UPSC) सिविल सेवा और संबंधित राज्य लोक सेवा आयोग(PCS) सेवाओं के लिए हर साल आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ती जा रही है।
दोनों सेवाओं में होता है अंतर
दोनों ही परीक्षा में शामिल उम्मीदवारों को आसानी से सफलता मिलना इतना आसान नहीं होता है। हालांकि, फिर भी युवा इस परीक्षा के लिए दिन रात तैयारी करते हैं। मालूम हो कि इन दोनों सेवाओं में प्रशासनिक स्तर पर अंतर होता है। आज इसके माध्यम से इन दोनों प्रशासनिक सेवाओं के बीच अंतर को बताएंगे। इन सेवाओं के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए इस लेख को पढ़ें।
कैसे बनते हैं IAS अधिकारी
संघ लोक सेवा आयोग(UPSC) सिविल सेवा की परीक्षा पास कर IAS अधिकारी बना जाता है, जो कि साल में एक बार मई या जून में आयोजित की जाती है। इस परीक्षा का आयोजन तीन चरणों में किया जाता है, जिसमें प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू शामिल होता है। इसके परीक्षा में भारत और विश्व के विभिन्न विषयों से संबंधित सवाल पूछे जाते हैं।
तीन चरणों में होता है परीक्षा
मालूम हो कि प्रीलिम्स में पेपर एक सामान्य अध्ययन और पेपर दो सीसैट का होता है, जो क्वालीफाइंग नेचर का होता है। इसमें रीजनिंग व मैथ्स के सवाल पूछे जाते हैं। साथ ही एक भाषा का भी पेपर होता है। इस परीक्षा के पास करने के बाद परीक्षार्थी मेंस की परीक्षा में बैठते हैं। मेंस में विभिन्न विषयों के पेपर और दो ऑप्शनल के पेपर होते हैं। यह चरण पास होने के बाद इंटरव्यू में अभ्यर्थी की पर्सनैलिटी चेक की जाती है। तीन चरणों के बाद एक फाइनल लिस्ट बनाई जाती है, जिसमें परीक्षा में सबसे अधिक अंक लाने वाले अभ्यर्थियों को IAS सेवा दी जाती है।
क्या होता है PCS
PCS अधिकारी बनने के लिए संबंधित राज्य लोक सेवा आयोग की ओर से परीक्षा का आयोजन किया जाता है। पीसीएस की परीक्षा संबंधित राज्य भी एक साल में एक बार आयोजित कराते हैं। पीसीएस की भी परीक्षा मई से जून के बीच आयोजित की जाती है। इसका सिलेबस भी कुछ हद तक यूपीएससी सिविल सेवा की तरह होता है। इस परीक्षा के लिए भी संबंधित राज्य के बारे में अलग से पढ़ना पड़ता है।
ये है IAS और PCS में मुख्य अंतर
- IAS अधिकारी का चयन केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है, जबकि PCS अधिकारी का चयन राज्य सरकार द्वारा किया जाता है।
- राष्ट्रपति द्वारा की जाती है IAS की नियुक्ति , जबकि PCS की नियुक्ति राज्यपाल करता है।
- IAS संविदा पर किसी भी राज्य में कुछ समय तक अपनी सेवाएं दे सकते हैं। वहीं, PCS अधिकारी संविदा पर अलग-अलग विभागों में काम कर सकते हैं। हालांकि, पीसीएस अधिकारी सिर्फ अपने राज्य में ही काम कर सकते हैं।
- आईएएस अधिकारी अपने करियर की शुरुआत लाल बहादुर शास्त्री एकेडमी मसूरी में ट्रेनिंग के बाद आवंटित कैडर में जिला प्रशिक्षण से करते हैं।
- फिर राज्य प्रशासन में वो उप जिलाधिकारी (एडीएम) के रूप में काम शुरू कर देते हैं, उन्हें एक जिले या तहसील का प्रभार दिया जाता है।
- अगर एसडीएम की नियुक्ति दी गई तो तहसील यानी अनुमंडल (सब -डिवीजन) की कानून-व्यवस्था का काम सौंपा जाता है।
- जिला प्रशिक्षण के बाद आईएएस अफसर तीन महीने के लिए केंद्र सरकार में सहायक सचिव के रूप में कार्यरत होते हैं।
- उसके बाद उन्हें जिलाधिकारी या अन्य नियुक्तियां मिलती हैं।
- आईएएस अफसर सरकारी विभागों या मंत्रालयों में भी भेजे जा सकते हैं। कार्य के दौरान उन्हें डेपुटेशन पर वर्ल्ड बैंक, इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड, एशियन डेवलपमेंट बैंक, द एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक और यूनाइटेड नेशंस और उसकी एजेंसियों में तैनात किया जा सकता है।
- IAS अधिकारी को समय-समय पर प्रमोशन मिलता है, जबकि PCS का प्रमोशन देरी से होता है।