रॉबर्ट वाड्रा पर ढींगरा आयोग की रिपोर्ट कांग्रेस ने की खारिज
इसी मकसद के लिए जस्टिस ढींगरा ने रॉबर्ट वाड्रा को अपना पक्ष रखने का बिना कोई मौका दिए एकपक्षीय जांच की है।
नई दिल्ली। कांग्रेस ने हरियाणा में रॉबर्ट वाड्रा के जमीन सौदे की जांच कर रिपोर्ट सौंपने वाली जस्टिस ढींगरा कमीशन की रिपोर्ट सामने आने से पहले ही खारिज कर दी है। पार्टी का आरोप है कि केंद्र और हरियाणा की भाजपा सरकार ने कांग्रेस और वाड्रा को बदनाम करने के लिए यह कमीशन बनाया था। इसी मकसद के लिए जस्टिस ढींगरा ने रॉबर्ट वाड्रा को अपना पक्ष रखने का बिना कोई मौका दिए एकपक्षीय जांच की है।
कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जिस तरह से जांच रिपोर्ट काफी समय से मीडिया में लीक की गई है, उससे साफ है कि राजनीतिक द्वेष से ढींगरा कमीशन बनाया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब रिपोर्ट पहले ही लीक हो गई तो जांच का औचित्य क्या है?
जस्टिस ढींगरा के चैरिटेबल ट्रस्ट को गुडगांव में जमीन का एक टुकड़ा उपहार के रूप में दिल्ली के एक शख्स से मिलने का हवाला देते हुए सुरजेवाला ने कहा कि इससे साफ है कि आयोग के अध्यक्ष के रूप में वे निष्पक्ष नहीं थे। हरियाणा सरकार की ओर से उनके ट्रस्ट को एक करोड़ के करीब मिले अनुदान भी इस बात को जाहिर करते हैं कि उनकी जांच निष्पक्ष नहीं थी।
ढींगरा आयोग पर प्रहार करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जिस किसी के खिलाफ भी जांच होती है उसे अपनी बात रखने का मौका दिया जाता है। मगर इस आयोग ने तो रॉबर्ट वाड्रा को उनसे जुड़े मामलों की जांच के लिए उन्हें कभी बुलाया या अपनी बात रखने का मौका दिया। इससे साफ है कि आयोग मनमाफिक जांच रिपोर्ट चाहता था, ताकि इसका राजनीतिक इस्तेमाल किया जा सके।
सुरजेवाला ने कहा कि एक ही उदाहरण इस मनमाने रिपोर्ट को साबित करने के लिए पर्याप्त है। हरियाणा की विभिन्न सरकारों ने 33,697.57 एकड़ जमीन के लाइसेंस दिए। इसमें आयोग को केवल 16 वाणिज्यिक लाइसेंस से जुड़े 64.40 एकड़ भूमि की जांच को कहा गया।
इसमें गुड़गांव के सेक्टर 83 में वाड्रा के 2.7 एकड़ जमीन का मामला भी था। उन्होंने कहा कि इस जमीन के आवंटन में वाड्रा को किसी तरह का फायदा पहुंचाया गया इसका कोई सबूत नहीं है। इतना ही नहीं वाड्रा के डीएलएफ को यह ट्रांसफर करने के प्रस्ताव को भी अभी तक सरकार से मंजूरी नहीं दी गई है।
गोवा जीएसटी बिल पास करने वाला 15वां राज्य बना
अब आसानी से नहीं मिलेगी जेल से छुट्टी, महाराष्ट्र में पैरोल के नियम सख्त हुए