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स्वदेशी 'धनुष' तोप की पहली खेप सेना में शामिल, जानिए- इसकी खासियत

सेना के प्रयोग में आ रहीं आर्टलरी गनों की तुलना में यह तोप वजन में हल्की और इंजनयुक्त है जिससे इसको ऊबड़-खाबड़ रास्ते या पहाड़ी रेतीले क्षेत्रों तक ले जाना आसान है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 08 Apr 2019 04:35 PM (IST)Updated: Mon, 08 Apr 2019 04:38 PM (IST)
स्वदेशी 'धनुष' तोप की पहली खेप सेना में शामिल, जानिए- इसकी खासियत

जबलपुर(एएनआई)। गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) में स्वदेशी तकनीक से बनाई गई 'धनुष' तोप (155 एमएम/45 कैलिबर गन) आज भारतीय सेना को सौंप दी गई। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. अजय कुमार सचिव रक्षा उत्पादन और अध्यक्ष सौरभ कुमार महानिदेशक ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) उपस्थित थे।जीसीएफ प्रशासन की ओर से पहली खेप में सेना के लिए एकसाथ छह धनुष तोप सौंपी गई।

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निर्माणी प्रशासन ने बताया है कि धनुष तोप बेहद उम्दा हैं, जिसके लिए आधुनिक समय के हिसाब से अपग्रेड (उन्नत) किया गया है। इस तोप पर ठंडे, गर्म मौसम का कोई असर नहीं होता। यह तोप पूरी तरह ऑटोमेटिक है, जिसकी मारक क्षमता 38 किमी. है। इससे एक मिनट में छह फायर किए जा सकते हैं।

सेना के प्रयोग में आ रहीं आर्टलरी गनों की तुलना में यह तोप वजन में हल्की और इंजनयुक्त है, जिससे इसको ऊबड़-खाबड़ रास्ते या पहाड़ी, रेतीले क्षेत्रों तक ले जाना आसान है। यह तोप देश की सीमा में रहकर भी एलओसी के दूसरे पार अचूक हमला कर सकती है यानी यह एक तोप भी दुश्मनों के छक्के छुड़ाने के लिए काफी है।

यह रहेंगे मौजूद

स्वदेशी धनुष तोप को सेना को सौंपने के दौरान लेफ्टि. जनरल पीके श्रीवास्तव पीवीएसएम एवीएसएम वीएसएम डीजी आर्टलरी, लेफ्टि. जनरल आरएस सलारिया वीएसएम कमांडेंट एसओए, मेजर जनरल मनमीत सिंह एमजी आर्टलरी हेडक्वार्टर वेस्टर्न सीक्यूए (डब्ल्यू), ओएफबी मेम्बर हरिमोहन, जीसीएफ जीएम रजनीश जौहरी व अन्य अधिकारी मौजूद थे।


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