राज्यसभा में निराधार टिप्पणियां विशेषाधिकार हनन के समान, जो कुछ बोला जा रहा है वह सटीक होना चाहिए: धनखड़
उपराष्ट्रपति व राज्यसभा के सभापति धनखड़ ने कहा कि सदन में जो कुछ भी बोला जा रहा है वह सटीक होना चाहिए और उसे प्रामाणिकता व जिम्मेदारी के साथ कहा जाना चाहिए। सभापति ने यह भी कहा कि अखबार की खबर या किसी की राय का कोई मतलब नहीं है।
नई दिल्ली, पीटीआई। उपराष्ट्रपति व राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को सदस्यों को आगाह किया कि उन्हें निराधार टिप्पणियां नहीं करनी चाहिए क्योंकि वे सदन के विशेषाधिकार हनन के समान मानी जा सकती हैं।शून्यकाल के दौरान आप के सदस्य संजय सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार पिछले आठ वर्षों से राजनीतिक विरोधियों के विरुद्ध जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। ईडी ने पिछले आठ वर्षों में विपक्षी नेताओं के विरुद्ध 3,000 छापे मारे हैं, किंतु सिर्फ 23 लोगों को ही दोषी पाया गया।
संजय सिंह की इस टिप्पणी पर आपत्ति
सत्ता पक्ष के कुछ सदस्यों ने संजय सिंह की इस टिप्पणी पर आपत्ति जताई। इस पर धनखड़ ने कहा कि सदन में जो कुछ भी बोला जा रहा है वह सटीक होना चाहिए और उसे प्रामाणिकता व जिम्मेदारी के साथ कहा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'इस सदन में हम किसी भी सदस्य को ऐसा कुछ कहने की अनुमति नहीं दे सकते जो प्रमाणित नहीं हैं और जो विशेषाधिकार का बहुत गंभीर उल्लंघन है। मैं इसके बारे में बहुत गंभीर हूं ..।' सभापति ने यह भी कहा कि अखबार की खबर या किसी की राय का कोई मतलब नहीं है।
राजनीतिक लोगों के यहां मारे गए 3,000 छापे को बताया गलत
सदन में आरोप लगाने के लिए कानूनी रूप से स्वीकार्य दस्तावेज होना चाहिए।कांग्रेस अध्यक्ष और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सदस्य संसद में दिए गए जवाबों, मीडिया में छपी खबरों और प्रधानमंत्री के सदन के बाहर दिए गए बयानों का उपयोग करते हैं। सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि यह दावा बिल्कुल गलत और तथ्यों से परे है कि 3,000 छापे राजनीतिक लोगों के यहां डाले गए हैं। अदालत का विशेष निर्देश है कि यदि सांसद या विधायक आर्थिक या अन्य अपराधों में संलिप्त मिलते हैं तो उनके विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए।
बहरहाल, संजय सिंह ने अपनी बात जारी रखते हुए आरोप लगाया कि सरकार नीरव मोदी, विजय माल्या, ललित मोदी और रेड्डी भाइयों जैसे कानून का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं कर रही है, लेकिन संजय राउत (शिवसेना सदस्य) और सत्येंद्र जैन (दिल्ली सरकार के मंत्री) को जेल में बंद कर रही है। एजेंसियों ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के यहां भी छापे मारे। जांच एजेंसियां सत्ताधारी दल के भ्रष्ट लोगों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं करतीं। धनखड़ ने कहा कि वह राज्यसभा का इस्तेमाल बयानबाजी के लिए नहीं होने देंगे।
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