मुठभेड़ कोई आतंकियों की शादी नहीं, युवाओं को वहां एकत्र नहीं होना चाहिए: एसपी वैद्य
एसपी वैद ने कहा कि हिंदुस्तान का कोई भी व्यक्ति कश्मीर में नागरिक की मौत पर खुश नहीं होता।
जम्मू, [दिनेश महाजन]। मुठभेड़ स्थल आतंकियों की शादी का स्थान नहीं है। क्यों युवा मुठभेड़ के दौरान वहां एकत्र होते हैं। गोली यह देखकर नहीं लगती कि वह आतंकी है या पत्थरबाज। हिंदुस्तान का कोई भी व्यक्ति कश्मीर में नागरिक की मौत पर खुश नहीं होता। यह बात पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसपी वैद ने गुरुवार दोपहर को सोशल साइट ट्विटर पर लोगों की ओर से पूछे गए प्रश्न के जबाव में कही। यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि गत बुधवार को कुलगाम मुठभेड़ के दौरान हिंसा में भी चार प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी।
लोगों से सीधे जुड़ने के लिए पुलिस महानिदेशक द्वारा शुरू की गई पहल के तहत ट्विटर पर एसपी वैद करीब आधे घंटे तक लाइव रहे। उन्होंने लोगों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के बेबाकी, सूझबूझ तथा संयम के साथ जबाव दिए। हालांकि, इस दौरान पाकिस्तान से चल रहे कुछ ट्विटर हैंडलर्स ने डीजीपी से अटपटे से प्रश्न पूछे, जिनका जबाव देने की बजाये डीजीपी ने चुप्पी साधे रखी।
इस दौरान कई युवाओं ने डीजीपी से एसआरओ 202 को हटाने की मांग की। इसके जवाब में डीजीपी ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से बात कर राज्य पुलिस को एसआरओ 202 से दूर रखने की बात की है। इस दौरान डीजीपी ने राज्य के युवाओं को यह जानकारी भी दी कि राज्य पुलिस में सब इंस्पेक्टर की भर्ती प्रक्रिया पर लगी रोक को कोर्ट ने हटा दिया है। जल्द ही भर्ती प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा।
सोशल मीडिया के जरिये फर्जी खबरों पर अंकुश लगाने के लिए पूछे गए प्रश्न पर पुलिस महानिदेशक ने सुझाव दिया कि पत्रकारिता में आने वाले लोगों व संगठन को अपने जिला आयुक्त कार्यालय से इजाजत लेनी अनिवार्य है। इसके अलावा उन्हें संबंधित पुलिस थाने में भी इस बाबत सूचित किया जाना चाहिए। राज्य के कई हिस्सों में अक्सर इंटरनेट को बंद करने पर पूछे जाने पर वैद ने कहा कि उनका निजी तौर पर मानना है कि किसी भी परिस्थिति में इंटरनेट को बंद किया जाना गलत है। इसी के साथ उन्होंने मुठभेड़ तथा आतंकी वारदात के दौरान इंटरनेट बंद करने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि सोशल मीडिया के जरिये कुछ लोग भ्रम की स्थिति पैदा कर देते हैं। ऐसी स्थिति से बचने के लिए इंटरनेट को कई बार बंद भी करना पड़ता है। राज्य में शांति बहाली पर पूछे गए प्रश्न पर उन्होंने कहा कि हथियार किसी भी समस्या का समाधान नहीं कर सकते। केवल बातचीत के जरिये ही हर समस्या को हल किया जा सकता है।