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न भूलें, वीआइपी हैं सांसद

नई दिल्ली [जाब्यू]। ऐसे समय जब देश में लाल बत्ती संस्कृति के खिलाफ वातावरण है, केंद्र सरकार सांसदों को निजी एयरलाइनों में भी वीआइपी बर्ताव दिलाने के लिए जद्दोजहद कर रही है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय [डीजीसीए] ने निजी एयरलाइनों को संबोधित खत में कहा है कि वे सांसदों को एयर इंडिया जैसी सारी सुविधाएं दें। इस कदम से

By Edited By: Published: Wed, 29 Jan 2014 10:30 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jan 2014 03:03 AM (IST)
न भूलें, वीआइपी हैं सांसद

नई दिल्ली [जाब्यू]। ऐसे समय जब देश में लाल बत्ती संस्कृति के खिलाफ वातावरण है, केंद्र सरकार सांसदों को निजी एयरलाइनों में भी वीआइपी बर्ताव दिलाने के लिए जद्दोजहद कर रही है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय [डीजीसीए] ने निजी एयरलाइनों को संबोधित खत में कहा है कि वे सांसदों को एयर इंडिया जैसी सारी सुविधाएं दें। इस कदम से सरकार विरोधियों से ज्यादा अपनों के निशाने पर आ गई है।

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वैसे तो एयर इंडिया की ओर से सांसदों को हवाई यात्रा में विशेष सहूलियतें पहले से दी जा रही हैं। परंतु ऐसा पहली बार हुआ है जब डीजीसीए ने निजी एयरलाइनों से भी ऐसा करने को कहा है। इनमें जेट एयरवेज, इंडिगो, स्पाइसजेट और गो एयर शामिल हैं। निजी एयरलाइनों और एयरपोर्ट प्रबंधकों को भेजे पत्र में डीजीसीए ने कहा है कि सांसदों को एयरपोर्ट पर रिजर्व लाउंज के उपयोग के अलावा कंप्लीमेंटरी चाय, काफी अथवा पानी के अलावा टर्मिनल बिल्डिंग में मुक्त रूप से आवागमन की सुविधा मिलनी चाहिए। यही नहीं सभी एयरपोर्टो पर इसे सुनिश्चित करने के लिए एक प्रोटोकॉल अफसर की नियुक्ति होनी चाहिए। डीजीसीए ने उड्डयन मंत्रालय को भी 2007 के प्रोटोकाल संबंधी सर्कुलर में संशोधन कर उसमें निजी एयरलाइनों को भी शामिल करने को कहा है।

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जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस कदम का विरोध करते हुए ट्वीट किया कि यह हकीकत से अनजान होने का खास तरह का प्रमाण है। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरीश साल्वे ने भी चुटकी लेते हुए ट्विटर पर कहा कि वे [सांसद] बिना भुगतान के अपने लिए खास सुविधाएं चाहते हैं। हमारे सांसदों ने संभवत: स्विस राष्ट्रपति को अपनी गाड़ी खुद खींचते तथा चेक-इन के लिए लाइन में इंतजार करते नहीं देखा है। विडंबना यह है कि अनेक सांसद साधारण जीवन भी जीते हैं और बस से संसद तथा ट्रेन से अपने संसदीय क्षेत्र जाते हैं। कांग्रेस सांसद संजय निरुपम का भी कहना है कि हमें आम आदमी की तरह सफर करना चाहिए। सांसदों को पहले ही एक्जीक्यूटिव क्लास का टिकट मिलता है। ऐसे में और सुविधाओं की मांग करना अनावश्यक है।

वैसे पूर्व उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल को इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता। उनके मुताबिक यदि सांसदों को कुछ अतिरिक्त सुविधाएं व सम्मान दिया जाता है तो इसमें इतना बखेड़ा खड़ा करने की क्या जरूरत है। परिवहन, पर्यटन व संस्कृति संबंधी संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष माकपा सांसद सीताराम येचुरी को तो इसमें कुछ भी नया नहीं लगता। जबकि भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी का कहना था कि सांसदों को पहले से ही सुविधाएं प्राप्त है। पूरा ब्योरा मिलने पर हम उचित का समर्थन करेंगे और अनुचित का विरोध। इस बीच डीजीसीए के नए प्रमुख प्रभात कुमार ने स्पष्ट किया है कि सांसदों को विशेष ट्रीटमेंट देने के लिए महानिदेशालय ने निजी एयरलाइनों को कोई निर्देश नहीं दिया है। लेकिन सूत्रों के मुताबिक ऐसा सर्कुलर तैयार किया जा चुका है। बहरहाल, उसे भेजा नहीं गया है।

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