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पहाड़ पर फटे बादल से तबाही, 14 लोगों की मौत, पीएम मोदी ने दिया हर संभव मदद का भरोसा, राष्ट्रपति ने जताया दुख

जब बादल पानी लेकर आसमान में चलते हैं और उनकी राह में कोई बाधा आ जाती है तब यह अचानक फट पड़ते हैं। एक सीमित इलाके में कई लाख लीटर पानी एक साथ जमीन पर गिरता है जिसके चलते उस क्षेत्र में तेज बहाव वाली बाढ़ आ जाती है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 29 Jul 2021 03:45 AM (IST)Updated: Thu, 29 Jul 2021 03:45 AM (IST)
जम्मू के किश्तवाड़ में सात और हिमाचल के तोजिंग नाले में मिले सात लोगों के शव

जागरण टीम, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में मूसलधार बारिश, भूस्खलन और कई जगह बादल फटने से आई बाढ़ से भारी तबाही हुई। इससे 14 लोगों की मौत हो गई। सबसे ज्यादा नुकसान जम्मू संभाग के किश्तवाड़ जिले में हुआ। किश्तवाड़ के दूरदराज के गांव हंजर में बादल फटने से आई बाढ़ के मलबे में दबने से सात लोगों की मौत हो गई, जिनके शव बरामद कर लिए गए हैं।

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किश्तवाड़ में बाढ़ में बहे 17 लोगों को बचाया, 19 अब भी लापता

किश्तवाड़ से 17 घायलों को बचा लिया गया है, जिनमें से पांच की हालत गंभीर बनी हुई है। वहीं, 19 लोग अब भी लापता हैं। पुलिस व स्थानीय लोगों के अलावा सेना, एसडीआरएफ की अतिरिक्त टुकड़ियां राहत अभियान में जुटी हुई हैं। मौसम साफ होते ही हेलीकाप्टर से जम्मू व श्रीनगर से एनडीआरएफ की टीमें भी मौके पर पहुंच जाएंगी।

हिमाचल प्रदेश: तोजिंग नाले में बहे 19 लोगों में से दो को बचाया, 10 अब भी लापता

हिमाचल प्रदेश के लाहुल-स्पीति जिले के तोजिंग नाले और कुल्लू के ब्रह्मगंगा नाले में बादल फटने से आई बाढ़ में मां-बेटे समेत 19 लोग बह गए। इनमें गाजियाबाद की युवती भी शामिल है, जो यहां कैंपिंग साइट में मैनेजर के पद पर कार्यरत थी। अब तक सात लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं जबकि 10 लापता हैं। दो लोगों को रेस्क्यू दल ने बचा लिया है।

कई जगह फंसे पर्यटक

लाहुल-स्पीति जिले में बादल फटने से लाहुल घाटी के कई नालों में बाढ़ आ गई है। इससे लेह व काजा मार्ग पर सैकड़ों पर्यटक फंस गए हैं। प्रशासन ने पर्यटकों व वाहन चालकों के लिए एडवाइजरी जारी कर यात्रा न करने की सलाह दी है। मनाली-लेह, तांदी-किलाड़ व ग्रांफू-समदो मार्ग जगह-जगह बंद हो गए हैं। मनाली-लेह मार्ग पर साकस नाले सहित पटसेउ, भरतपुर सिटी व सरचू में सड़क बंद हो गई है।

अमरनाथ गुफा के पास भी फटा बादल

समुद्रतल से करीब 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में दो लंगर और सुरक्षाकíमयों के एक शिविर को नुकसान पहुंचा है। यात्रा बंद होने के कारण यहां किसी जनहानि की सूचना नहीं है।

लद्दाख में दो जगह फटे बादल

कारगिल जिले में दो जगह बादल फटने से नालों में आए उफान से लघु पन बिजली परियोजना और कई घरों व फसलों को नुकसान पहुंचा है।

घटना पर केंद्र की नजर, प्रधानमंत्री ने दिया हर संभव मदद का भरोसा

केंद्र सरकार ने दिनभर इस पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए रखी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह से बात कर स्थिति जानी और जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए।

राष्ट्रपति और उपराज्यपाल ने जताया दुख

राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द और जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने किश्तवाड़ घटना पर गहरा दुख जताते हुए हादसे में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। उपराज्यपाल ने लापता लोगों का जल्द से जल्द पता लगाने के लिए बचाव दल को कार्य में तेजी लाने के लिए भी कहा।

कैसे फटता है बादल 

मौसम विशेषज्ञ डाॅ. महेंद्र सिंह ने बताया कि जब बादल भारी मात्रा में आर्द्रता यानी पानी लेकर आसमान में चलते हैं और उनकी राह में कोई बाधा आ जाती है, तब यह अचानक फट पड़ते हैं। यह सब बहुत तेजी से होता है। इस स्थिति में एक सीमित इलाके में कई लाख लीटर पानी एक साथ जमीन पर गिरता है, जिसके चलते उस क्षेत्र में तेज बहाव वाली बाढ़ आ जाती है। इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि अगर पानी से भरे किसी गुब्बारे को फोड़ दिया जाए तो सारा पानी एक ही जगह तेजी से नीचे गिरता है। ठीक वैसे ही बादल फटने से होता है।


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