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कोरोना संकट के बावजूद उप्र में गेहूं सरकारी खरीद कल से, पंजाब में भी हो रहीं तैयारियां

सरकारी मशीनरी के कोरोना के खिलाफ जंग में उलझने के बावजूद गेहूं खरीद की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में बुधवार से सरकारी खरीद शुरू हो जाएगी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 14 Apr 2020 12:30 AM (IST)Updated: Tue, 14 Apr 2020 12:30 AM (IST)
कोरोना संकट के बावजूद उप्र में गेहूं सरकारी खरीद कल से, पंजाब में भी हो रहीं तैयारियां
कोरोना संकट के बावजूद उप्र में गेहूं सरकारी खरीद कल से, पंजाब में भी हो रहीं तैयारियां

नई दिल्ली, जेएनएन।  सरकारी मशीनरी के कोरोना के खिलाफ जंग में उलझने के बावजूद गेहूं खरीद की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में बुधवार से सरकारी खरीद शुरू हो जाएगी। उधर, मजदूरों की कमी से जूझ पंजाब में कटाई शुरू हो गई है और खरीद की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है।

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कोलकाता से जूट के बोरे नहीं पहुंचे तो उप्र ने मंगाए गए प्लास्टिक बैग

उत्तर प्रदेश में सरकारी खरीद की घोषणा के बावजूद क्रय केंद्रों पर तैयारियां पूरी नहीं हो सकी हैं। सबसे बड़ी मुश्किल बोरों की आपूर्ति को लेकर आ रही है। कोलकाता में जूट मिलों में बंदी और यातायात बाधित होने से दो लाख बोरों में से अभी मात्र 50 हजार की आपूर्ति हो सकी है। लिहाजा प्लास्टिक बैग से काम चलाया जाएगा। फौरी तौर पर 50 हजार बैग उपलब्ध होने की उम्मीद है।

राज्य में 55 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद के लिए पांच हजार क्रय केंद्र स्थापित किए जाने हैं। सोमवार तक करीब एक तिहाई केंद्रों पर तैयारी पूरी हो सकी है। कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही का कहना है कि अभी गेहूं कटाई कार्य प्रारंभिक दौर में है। सभी जिलाधिकारियों और गेहूं क्रय एजेंसियों को जल्द से जल्द तैयारी पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं नियमित निगरानी कर रहे हैं।

पंजाब में मजदूरों की कमी से बढ़ेगी समस्या

प्रमुख गेहूं उत्पादकों राज्यों में शुमार पंजाब में इसकी कटाई शुरू हो गई है। हालांकि अभी गति बहुत धीमी है, लेकिन जैसे ही कटाई तेज होगी खेतों से लेकर मंडियों तक में मजदूरों की कमी की समस्या बढ़ती जाएगी। ट्रेनों का आवागमन बंद होने के कारण उत्तर प्रदेश और बिहार से मजदूर नहीं आ पा रहे हैं। होली में भी बहुत सारे मजदूर अपने गांव चले गए थे और वह भी नहीं लौट सके। पंजाब के आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान रविंदर चीमा के अनुसार मंडियों में ढुलाई तक का काम करने के लिए करीब 4 लाख 80 हजार मजदूरों की जरूरत है। गोदामों में अनलोडिंग के लिए भी ढाई लाख मजदूरों की जरूरत है।

तीन दिन पहले ही किसानों को कूपन मुहैया करवा देंगे आढ़ती 

पंजाब की मंडियों में इस बार 135 लाख टन गेहूं आने का अनुमान है। इसके लिए पंजाब ने केंद्र सरकार से 22,600 करोड़ रुपये की कैश क्रेडिट लिमिट मांगी थी जिसमें से 22 हजार करोड़ रुपये मंजूर हो चुके हैं। मंडी बोर्ड के सचिव रवि भगत द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि गेहूं खरीद के तीन दिन पहले ही किसानों को आढ़ती कूपन मुहैया करवा देंगे ताकि किसानों को परेशानी न हो।


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