कारोबार प्रभावित होने के बावजूद नोटबंदी का समर्थन
अध्ययन मुंबई व पुणे के 175 उद्योगों के बीच किया गया है जिसका लब्बो लुआब यह है कि नोटबंदी का सबसे बुरा असर छोटे मोटे धंधा करने वाले लोगों और रेहडि़यों पर कारोबार करने वाले वर्ग पर पड़ा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । नोटबंदी के खत्म होने के तकरीबन दस दिनों बाद देश में इसके असर पर अब एक दूसरा अध्ययन सामने आया है। एसबीआइ इकोवार्प की तरफ से मंगलवार को जारी यह अध्ययन बताता है कि दो महीने तक चले नोटबंदी की वजह से 69 फीसद उद्योगों पर असर पड़ा है लेकिन अध्ययन में शामिल 63 फीसद लोगों ने इसका समर्थन भी किया है।
अध्ययन मुंबई व पुणे के 175 उद्योगों के बीच किया गया है जिसका लब्बो लुआब यह है कि नोटबंदी का सबसे बुरा असर छोटे मोटे धंधा करने वाले लोगों और रेहडि़यों पर कारोबार करने वाले वर्ग पर पड़ा है। असंगठित क्षेत्र के 71 फीसद कारोबारियों ने कहा है कि उनकी बिक्री में 50 फीसद या इससे ज्यादा की गिरावट आई है। यह नोटबंदी पर किसी संगठित क्षेत्र से किया गया दूसरा अध्ययन है जिसे प्रकाशित किया है। इसके पहले पीएचडी चैंबर का अध्ययन सामने आया था जिसमें 81 फीसद तक उद्योगों ने कहा है कि उनके कारोबार पर काफी बुरा असर पड़ा है।