कमजोर अंग्रेजी होने के बावजूद मेहनत कर भाषा पर बना ली पकड़, 50वीं रैंक के साथ IAS बनी सुरभि गौतम
मध्यप्रदेश की रहने वाली एक साधारण सी लड़की सुरभि गौतम हिंदी माध्यम की पृष्ठभूमि से आती हैं। बाद में उन्होंने अपनी अंग्रेजी पर काम करते हुए तमाम संघर्सों का सामना कर के IAS अधिकारी बन गई। (जागरण - फोटो)
नई दिल्ली, जेएनएन। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा अपने आप में एक तपस्या है, जिसे छात्र कठिन परिश्रम और एकाग्रता के बाद प्राप्त करते हैं। देश भर से लाखों छात्र इस परीक्षा में बैठते हैं। इस परीक्षा का आयोजन हर साल किया जाता है। लेकिन पदों की संख्या करीब एक हजार होती है, जिसके चलते इस परीक्षा में अपनी जगह बनाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। मध्यप्रदेश की रहने वाली सुरभि गौतम इस परीक्षा में सफल होने वाली एक ऐसी छात्रा है, जिन्होंने तमाम मुश्किलों का समाना करते हुए इस पद को हासिल किया।
आज हम आपको सुरभि गौतम की कहानी बताने जा रहे हैं, जो हिंदी बैकग्राउंड से थी, बावजूद इसके उन्होंने अपनी कमजोरी को ताकात में बदलकर IAS अधिकारी बन गई।
कौन हैं सुरभि गौतम
सुरभि गौतम मूल रूप से मध्यप्रदेश के सतना की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा वहीं से पूरी की। सुरभि शुरू से ही पढ़ने में एक होशियार छात्रा थीं। वह हमेशा कक्षा में टॉप विद्यार्थियों में गिनी जाती थीं। जब सुरभि कक्षा पांचवी में बोर्ड की परीक्षा दी, तो उन्होंने गणित के विषय में डंका बजा दिया और पूरे अंक हासिल किए।
इस बात पर उनकी क्लास टीचर ने कहा कि किसी भी छात्र ने तब तक ऐसा नहीं किया था। सुरभि की टीचर ने उन्हें शुभकामनाएं देते हुए भविष्य में कुछ बड़ा करने के लिए कहा था। यह सराहना सुरभि को प्रेरणा दी।
10वीं में बनी टॉपर
सुरभि गौतम ने कक्षा 10वीं में टॉपर बनी। उन्होंने बोर्ड परीक्षा में साइंस और मैथ्स विषयों में पूरे-पूरे अंक हासिल किए थे। बाद में, उन्होंने 12वीं करने के बाद इंजीनियरिंग में दाखिला लेने का निर्णय लिया।
इस बीमारी से हुईं ग्रसित
सुरभि जब पढ़ाई कर रही थी, तब वह Rheumatic Fever का शिकार हो गईं थी। उनके माता-पिता उन्हें हर 15 दिन में पेंसिलिन का इंजेक्शन लगवाने के लिए जबलपुर ले जाया करते थे। हालांकि, इससे उनका हौंसला कभी कम नहीं हुआ और उन्होंने अपनी पढ़ाई को जारी रखा। फिर उन्होंने सिविल सेवाओं में शामिल होने का निर्णय लिया।
अंग्रेजी में थीं कमजोर
सुरभि की अंग्रेजी बहुत खराब थी। उन्हें अंग्रेजी के कारण तमाम मुश्किलों का समाना करना पड़ता था। ऐसे में उन्होंने सबसे पहले अपना अंग्रेजी का डर दूर करने का निर्णय लिया। उन्होंने सबसे पहले हर दिन अंग्रेजी के 10 नए शब्द सीखना शुरू किए। लगातार अभ्यास करते रहने से धीरे-धीरे उन्होंने अंग्रेजी भाषा पर पकड़ बना ली थी।
2016 में 50वीं रैंक के साथ IAS
सुरभि गौतम ने अपनी अंग्रेजी पर काम करते हुए सिविल सेवाओं की तैयारी शुरू की। उन्होंने साल 2016 की सिविल सेवा परीक्षा में 50वीं रैंक प्राप्त की और आईएएस अधिकारी बन गई। उन्हें निबंध के पेपर में 143 अंक, सामान्य अध्ययन के पेपर-1 में 126, पेपर -2 में 96, पेपर-3 में 102 और पेपर-4 में 110 अंक मिले।