Move to Jagran APP

देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून की विदाई शुरू, राजस्थान में अनुमान से ज्यादा तो पूर्वोत्तर में हुई कम हुई बारिश

दक्षिण-पश्चिम मानसून गुरुवार को विदा हो गया और इस बार देश में सात प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई। लेकिन उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड जैसे धान उत्पादक राज्यों में कम वर्षा हुई जिसका किसानों की उपज पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।

By AgencyEdited By: Amit SinghPublished: Fri, 30 Sep 2022 04:30 AM (IST)Updated: Fri, 30 Sep 2022 04:30 AM (IST)
देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून की विदाई शुरू, राजस्थान में अनुमान से ज्यादा तो पूर्वोत्तर में हुई कम हुई बारिश
दिल्ली में इस बार 19 प्रतिशत कम हुई वर्षा

नई दिल्ली, प्रेट्र: दक्षिण-पश्चिम मानसून गुरुवार को विदा हो गया और इस बार देश में सात प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई। लेकिन उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड जैसे धान उत्पादक राज्यों में कम वर्षा हुई, जिसका किसानों की उपज पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। इस बार वर्षा असमान रही, रेगिस्तानी राज्य राजस्थान में जहां सामान्य से 36 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई, वहीं पूर्वोत्तर भारत में कम वर्षा हुई जहां आमतौर पर पर्याप्त वर्षा होती है।

loksabha election banner

20 सितंबर को शुरू हुई मानसून की विदाई

मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून एक जून से शुरू और 30 सितंबर को समाप्त होता है। मानसून की विदाई की प्रक्रिया 20 सितंबर को शुरू हो गई थी और गुरुवार तक यह पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात से पूरी तरह विदा हो गया। इस मानसून में दिल्ली में 19 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई।

बंगाल में धान की बोआई प्रभावित

तमिलनाडु में 477.3 मिलीमीटर (मिमी) वर्षा दर्ज की गई जो सामान्य यानी 323.6 मिमी से 47 प्रतिशत अधिक है। तमिलनाडु में सामान्यत: अक्टूबर से शुरू होने वाले उत्तर-पूर्व मानसून के दौरान वर्षा होती है। देश के सबसे बड़े धान उत्पादक राज्य बंगाल में 17 प्रतिशत कम वर्षा हुई, जिसका सीधा असर राज्य में धान की बोआई पर पड़ा। बंगाल में 38.52 लाख हेक्टेयर भूमि पर धान की बोआई की गई है, जो पिछले खरीफ सीजन में की गई 42.7 लाख हेक्टेयर बोआई से 3.65 लाख हेक्टेयर कम रही। कुल मिलाकर किसानों ने इस सीजन में 401.56 लाख हेक्टेयर में बोआई की है, जो पिछले फसल सीजन की तुलना में 23.44 लाख हेक्टेयर कम है।

देश में मिला जुला रहा मानसून

तेलंगाना में मानसून के दौरान 46 प्रतिशत अधिक बारिश हुई। कर्नाटक में 29 प्रतिशत, गुजरात में 28 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 24 प्रतिशत और महाराष्ट्र में 23 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई। मणिपुर में एक जून से 29 सितंबर के बीच सामान्य से 47 प्रतिशत कम, त्रिपुरा और मिजोरम में क्रमश: 24 और 22 प्रतिशत, अरुणाचल प्रदेश में 14 प्रतिशत, नगालैंड 13 प्रतिशत, असम में नौ प्रतिशत और मेघालय में सामान्य से आठ प्रतिशत कम वर्षा हुई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.