कर आधार बढ़ाने में कारगर रही नोटबंदी
मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक नोटबंदी के बाद यह ट्रेंड बदलता दिख रहा है। इसका सबूत चालू वित्त वर्ष में अब तक दाखिल हुए ई-रिटर्न हैं।
हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली। कालेधन व भ्रष्टाचार को खत्म करने के इरादे से की गयी नोटबंदी के परिणाम नजर आने लगे हैं। मोदी सरकार के नोटबंदी के अहम निर्णय से एक साल के भीतर कर आधार में खासी वृद्धि हुई है। माना जा रहा है कि नोटबंदी के चलते अब तक करीब 57 लाख आयकर दाता बढ़ गए हैं। इसका अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अक्टूबर के दौरान रिकार्ड 3.78 करोड़ व्यक्तियों या कंपनियों ने आयकर ई-रिटर्न दाखिल किया जबकि पिछले साल इस अवधि में यह आंकड़ा 3.21 करोड़ था।
रिटर्न फाइलिंग का यह आंकड़ा इसलिए अहम है क्योंकि सवा अरब से अधिक की आबादी वाले भारत में पांच प्रतिशत लोग भी रिटर्न दाखिल नहीं करते। अगर कर भुगतान की दृष्टि से देखें तो असेसमेंट वर्ष 2014-15 में मात्र दो करोड़ लोगों ने ही अपनी आय करयोग्य दर्शायी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कई मौकों पर कह चुके हैं कि देश में मात्र 24 लाख लोग ही अपनी सालाना आय 10 लाख रुपये से अधिक दिखाते हैं।
दूसरी ओर हर साल देश में 25 लाख नई कारें खरीदी जाती हैं। वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि बहुत से लोग अपनी वास्तविक आय का खुलासा आयकर विभाग के समक्ष नहीं करते। यही वजह है कि बीते वर्षों में करदाताओं की संख्या नहीं बढ़ी। अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ने के बावजूद कर आधार सीमित रहा। जीडीपी के मुकाबले प्रत्यक्ष कर संग्रह मात्र 5.6 प्रतिशत है जबकि विकसित देशों में यह आंकड़ा काफी ऊपर है।
मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक नोटबंदी के बाद यह ट्रेंड बदलता दिख रहा है। इसका सबूत चालू वित्त वर्ष में अब तक दाखिल हुए ई-रिटर्न हैं। अन्य वर्षो की अपेक्षा इस साल एक अप्रैल से 31 अक्टूबर के दौरान अधिक रिटर्न दाखिल हुए हैं।
सूत्रों ने कहा कि नोटबंदी के सकारात्मक प्रभावों का एक नतीजा यह भी है कि जिन राज्यों में अब तक लोग रिटर्न दाखिल करने से कतराते थे अब वहां भी लोग आयकर देने के लिए आगे आ रहे हैं। उदाहरण के लिए चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अक्टूबर के दौरान उत्तर प्रदेश में करीब आठ लाख ज्यादा व्यक्तियों और कंपनियों ने आयकर रिटर्न दाखिल किए हैं। इसी तरह बंगाल में भी रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या बढ़ी है।
ई-फाइलिंग वेबसाइट पर पंजीकृत हुए 6.85 करोड़ करदाता
खास बात यह है कि आयकर विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर अब तक 6.85 करोड़ करदाता पंजीकृत हो चुके हैं जो एक रिकार्ड है। इससे पहले इतने करदाता कभी इस वेबसाइट पर पंजीकृत नहीं हुए। इनमें से करीब पौने चार करोड़ करदाता अपना 'आधार' नंबर भी आयकर विभाग की इस वेबसाइट पर लिंक कर चुके हैं। इसी वेबसाइट के माध्यम से ई-रिटर्न दाखिल किया जाता है।
बढ़ता कर आधार
-6,83,51,944 करदाता 31 अक्टूबर 2017 तक आयकर विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर हो चुके हैं पंजीकृत
-3,78,20,889 आयकरदाता 31 अक्टूबर 2017 तक दाखिल कर चुके हैं ई-रिटर्न
-3,21,61,320 करदाताओं ने पिछले साल 31 अक्टूबर तक दाखिल किया था ई-रिटर्न
इन दस राज्यों में बढ़े सबसे ज्यादा करदाता
राज्य 2016 2017 करदाता बढ़े
उत्तर प्रदेश 2520291, 3290266, 769975
महाराष्ट्र 5852272, 6493517, 641245
पश्चिम बंगाल, 1883966, 2265497, 381531
राजस्थान 1904171, 2274872, 370701
गुजरात 2937242, 3302410, 365168
पंजाब 1413447, 1730704, 317257
कर्नाटक 2175591, 2485053, 309462
दिल्ली 2070072, 2363178, 293106
हरियाणा 1220805, 1493202, 272397
मध्य प्रदेश 1105235, 1335450, 230215
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