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मेघालय को सीएए के दायरे से बाहर रखने के लिए आइएलपी को राज्यभर में लागू करने की मांग तेज

कई माह तक शांत रहने के बाद 17 संगठनों ने मेघालय को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के दायरे से बाहर रखने के लिए इनर लाइन परमिट (आइएलपी) को राज्यभर में लागू करने के लिए अपना आंदोलन तेज कर दिया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 09:27 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 09:27 PM (IST)
17 संगठनों ने मेघालय में आइएलपी को लागू करने के लिए आंदोलन तेज कर दिया है।

शिलांग, आइएएनएस। कई माह तक शांत रहने के बाद 17 संगठनों ने मेघालय को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के दायरे से बाहर रखने के लिए इनर लाइन परमिट (आइएलपी) को राज्यभर में लागू करने के लिए अपना आंदोलन तेज कर दिया है। इसका नेतृत्व मेघालय सोशल आर्गनाइजेशन कर रहा है। इसको लेकर आंदोलन पिछले साल ही शुरू हो गया था, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इसे स्थगित कर दिया गया था।

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आइएलपी लागू: बाहरी व्यक्ति को संबंधित स्थान पर जाने के लिए लेनी होती है अनुमति

आइएलपी लागू होने के बाद देश के अन्य राज्यों के नागरिकों सहित किसी भी बाहरी व्यक्ति को संबंधित स्थान पर जाने के लिए अनुमति लेनी होती है। इस कानून में स्थानीय लोगों के लिए जमीन, नौकरी सहित कई अन्य सुविधाओं के लिए विशेष प्रावधान किए जाते हैं।

अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और नगालैंड में आइएलपी लागू

अभी अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और नगालैंड में आइएलपी लागू है। नगालैंड सरकार ने हाल ही में दिमापुर जिले को आइएलपी में शामिल करने के लिए कानून में संशोधन किया है, जिसके बाद पूरा राज्य इसके तहत आ गया है।


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