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दिल्ली गैंगरेप: आंसुओं में छिपी दर्द की इंतहा

गैंगरेप पीड़ित फिजियोथेरेपिस्ट को घटना के करीब 36 घंटे बाद मंगलवार सुबह होश आया तो रोते हुए उसने कागज पर 'लिफ्ट माई लेग, क्लीन माई थ्रोट [मेरा पैर उठाओ व मेरा गला साफ करो]' लिखकर अपना दर्द बयां किया। उसके शरीर के अंगों में असहनीय दर्द है और पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं कर रहा है। सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है। वह अभी भी आइसीयू में वेंटीलेटर पर है।

By Edited By: Published: Tue, 18 Dec 2012 08:30 AM (IST)Updated: Wed, 19 Dec 2012 01:57 PM (IST)
दिल्ली गैंगरेप: आंसुओं में छिपी दर्द की इंतहा

नई दिल्ली [जागरण संवाददाता]। गैंगरेप पीड़ित फिजियोथेरेपिस्ट को घटना के करीब 36 घंटे बाद मंगलवार सुबह होश आया तो रोते हुए उसने कागज पर 'लिफ्ट माई लेग, क्लीन माई थ्रोट [मेरा पैर उठाओ व मेरा गला साफ करो]' लिखकर अपना दर्द बयां किया। उसके शरीर के अंगों में असहनीय दर्द है और पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं कर रहा है। सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है। वह अभी भी आइसीयू में वेंटीलेटर पर है। बताया जा रहा है कि पीड़िता ने अपने मां के नाम लिखे संदेश में लिखा है कि मैं जीना चाहती हूं।

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अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीडी अथानी ने बताया कि युवती की हालत नाजुक है। सुबह स्वास्थ्य में थोड़ा सुधार आने के बाद उसकी हालत फिर बिगड़ गई है। उसकी नब्ज [पल्स रेट] 130 है, जो सामान्य 72 से बहुत ज्यादा है। संक्रमण बढ़ जाने के कारण प्लेटलेट्स गिरकर 48 हजार रह गया है, जो सामान्यत: 1.5 लाख से साढ़े चार लाख के बीच होना चाहिए। पल्स रेट का बढ़ना व प्लेटलेट्स का घटना चिंता का कारण है। सुबह में ब्लड प्रेशर सामान्य हो गया था, बाद में काफी घट-बढ़ रहा है। डॉ. अथानी ने बताया कि युवती के आंतरिक अंग के अलावा छोटी आंत व बड़ी आंत काफी क्षतिग्रस्त हुई है। इसके अलावा शरीर के कई प्रमुख हिस्सों पर गहरी चोट है। रविवार को उसकी सर्जरी की गई थी। जरूरत पड़ने पर फिर सर्जरी की जा सकती है।

इससे पहले मंगलवार को इस वारदात में शामिल चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस आयुक्त नीरज कुमार ने बताया कि दो आरोपी वारदात के बाद शहर छोड़कर भाग चुके हैं। उनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने और दुष्कर्म मामले में फांसी की सजा दिलाने संबंधी एक प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा। मुख्य आरोपी बस ड्राइवर राम सिंह को पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। उसने शिनाख्त परेड में शामिल होने से इन्कार कर दिया।

पुलिस मुख्यालय में मंगलवार को आयोजित प्रेस वार्ता में पुलिस आयुक्त ने बताया कि रविवार देर रात मामले के संज्ञान में आने के बाद से ही पुलिस टीमें आरोपियों की शिनाख्त में जुट गई थीं। बस को बरामद करने के लिए परिवहन विभाग की मदद से 370 बसों व उनके मालिकों की लिस्ट बना ली गई थीं। यह बस एक स्कूल में लगी हुई थी, जिसमें बच्चों को घर से लाया और पहुंचाया जाता था। वारदात में शामिल ड्राइवर राम सिंह, उसके भाई मुकेश, विनय और पवन को पकड़ लिया गया है। अन्य दो आरोपी अक्षय ठाकुर और राजू दिल्ली छोड़कर भाग चुके हैं। अक्षय ठाकुर मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद का रहने वाला है। इन्हें पकड़ने के लिए पुलिस टीमें जल्द ही पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान भेजी जाएंगी।

वारदात के बाद राम सिंह और अक्षय सोमवार तड़के बसंत विहार से बस लेकर नोएडा चले गए थे। वहां उसकी धुलाई करके सुबूत नष्ट किए गए। गौरतलब है कि रविवार रात करीब सवा नौ बजे घर जाने के लिए ब्वॉयफ्रेंड के साथ बस में चढ़ी फिजियोथेरेपिस्ट के साथ बसंत विहार में चलती बस में छह युवकों ने बलात्कार किया था। विरोध करने पर युवती और उसके ब्वॉयफ्रेंड को रॉड से पीटा भी गया। बाद में आरोपी दोनों को निर्वस्त्र अवस्था में बस से फेंककर फरार हो गए।

मानवाधिकार आयोग ने मांगा जवाब

नई दिल्ली। राजधानी में चलती बस में बलात्कार मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी सरकार को नोटिस जारी कर दिया है। मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए आयोग ने केंद्रीय गृह सचिव और दिल्ली पुलिस आयुक्त को दो सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देने को कहा है।

गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस को जारी नोटिस में इसने कहा है कि यह वारदात पूरी तरह से मानवाधिकारों का उल्लंघन है। राष्ट्रीय राजधानी में खासकर हाल के दिनों में जिस तरह महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़े हैं, उससे लोगों का कानून-व्यवस्था पर भरोसा कमजोर हुआ है। इस मामले की जांच के साथ ही ऐसे मामलों को भविष्य में रोकने को लेकर उठाए गए कदमों के बारे में आयोग ने पुलिस और मंत्रालय से जवाब मांगा है।

दुष्कर्म के तीन चौथाई आरोपी हो जाते हैं बरी

नई दिल्ली। महानगरों समेत पूरे देश में बलात्कार की बढ़ती घटनाओं ने गृह मंत्रालय को चिंता में डाल दिया है। इस संबंध में जारी तमाम एडवाइजरी के बावजूद महिलाओं की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए जा सके हैं। मंत्रालय के पास मौजूद आंकड़ों के मुताबिक पिछले पांच सालों में बलात्कार की घटनाओं में 20 फीसद से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। यही नहीं, बलात्कार के आरोपियों को सजा दिलाने में एजेंसियां बुरी तरह विफल रही हैं। आंकड़ों के मुताबिक बलात्कार के कुल दर्ज मामलों में लगभग एक चौथाई में ही आरोपियों को सजा मिल पाती है। बाकी तीन चौथाई अदालतों से बरी हो जाते हैं।

महिलाओं के खिलाफ अपराध को रोकने के लिए गृह मंत्रालय ने सितंबर 2009 में विस्तृत एडवाइजरी जारी की थी। इसमें राज्य सरकारों को दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई, मामले की अच्छी तरह से जांच करने, बलात्कार की जांच में देरी को न्यूनतम करने, सभी जिलों में महिला अपराध प्रकोष्ठ बनाने के साथ-साथ विशेष महिला अदालतें स्थापित करने की सलाह दी गई थी। लेकिन अभी तक इसे पूरी तरह लागू नहीं किया जा सका है। हालत यह है कि 2007 में पूरे देश में बलात्कार की 20,737 घटनाओं की तुलना में 2011 में 24,206 घटनाएं दर्ज हुई। वैसे गृह मंत्रालय के अधिकारी बलात्कार की घटनाओं को रोकने में नाकामी के लिए राज्य सरकारों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उनके अनुसार कानून-व्यवस्था राज्य सूची का विषय है और वे सलाह देने के अलावा कुछ नहीं कर सकते हैं। लेकिन उनके पास दिल्ली में बढ़ती बलात्कार की घटनाओं का कोई जवाब नहीं हैं।

कानून-व्यवस्था का जिम्मा संभालने के बावजूद गृह मंत्रालय देश की राजधानी में बलात्कार की घटनाएं रोकने में नाकाम रहा है। 2009 में 469 और 2010 में 507 की तुलना में 2011 में दिल्ली में बलात्कार के 572 मामले दर्ज किए गए।

उत्तराखंड सरकार ने इलाज को दिए पांच लाख

देहरादून। गैंगरेप की शिकार हुई युवती के उपचार के लिए उत्तराखंड सरकार ने पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने फिजियोथेरेपिस्ट के साथ हुई सामूहिक बलात्कार की घटना पर गहरा दुख जताया है। युवती देहरादून से फिजियोथेरेपी का कोर्स करने के बाद दिल्ली के अस्पताल में इंटर्नशिप कर रही थी।

ट्विटर पर भी आक्रोश

दिल्ली में चलती बस में गैंगरेप की घटना हृदय विदारक, शर्मनाक और दुखद है।

-जूही चावला, अभिनेत्री

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राज्यसभा में जब इस घटना पर चर्चा हो रही थी, तब राजीव शुक्ला हंस रहे थे।

-वरीड इंडियन

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दिल्ली गैंगरेप यह साबित करता है कि इंसानियत बहुत नीचे गिर चुकी है। कानून कब तक सोता रहेगा।

-फरहान अख्तर, फिल्मकार

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ऐसे मामलों के दोषियों को मार देना चाहिए और यह सजा देने में अधिक देरी नहीं होनी चाहिए।

-सलमान खान, अभिनेता

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गैंगरेप पीड़ितों को जल्द न्याय दिलाने के लिए मौजूदा कानून में बदलाव जरूरी है। सिर्फ यह कह देने से कि महिलाओं को रात में बाहर नहीं निकलना चाहिए, से समस्या का हल नहीं निकलेगा।

-करीना कपूर, अभिनेत्री

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विश्वास नहीं होता कि दिल्ली महिलाओं के लिए इतनी असुरक्षित हो गई है। सभी आरोपियों को या तो फांसी की सजा मिले या फिर उन्हें नपुसंक बना दिया जाए।

-प्रीति जिंटा, अभिनेत्री

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अखबार में फिजियोथेरेपिस्ट के साथ गैंगरेप की खबर पढ़कर हैरान हूं। दिल्ली जैसे शहर में इस तरह की घटना वाकई शर्मनाक है। ऐसी घटनाओं को हर हाल में रोकना होगा।

-साइना नेहवाल, शटलर

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यह सुनकर अच्छा लगा कि दिल्ली गैंगरेप के आरोपी गिरफ्तार हो गए हैं। अब उन्हें जल्द ही बेहद कड़ी सजा दी जाए।

-आकाश चोपड़ा, क्रिकेटर

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सभी फिल्मी कलाकार जनता के बीच में जाएं और इस जघन्य अपराध की भ‌र्त्सना करें। ऐसे लोगों को सबक सिखाया जाना जरूरी है।

-अनुपम खेर, अभिनेता

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यह बहुत वीभत्स है कि 'विशेषज्ञ' दिल्ली में भयावह गैंगरेप के लिए पोर्नोग्राफी के फैलते जाल को दोषी ठहरा रहे हैं।

-तवलीन सिंह, स्तंभकार

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दिल्ली गैंगरेप की घटना का मजाक उड़ाना वीभत्स है। मैं ऐसे लोगों से पूछना चाहता हूं कि क्या वे अपनी मां, बेटी या बहन के साथ इस घटना को दोहराएंगे।

-रोनित रॉय, अभिनेता

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गैंगरेप के अपराधियों को हमारे कानून द्वारा नपुंसक कर दिया जाना चाहिए। सिर्फ लड़की ही क्यों जीवन भर बलात्कार की पीड़ा झेले।

-मिराज लैला

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समाज को सुधारने के लिए हमें राजनीति में 'दबंगों' की जरूरत है।

-कलोल सरकार

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अब वह समय आ गया है कि जब भारत में सऊदी अरब जैसे कानून लागू किए जाएं।

एंजेला जॉनसन

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