वायु प्रदूषण पर मीटिंग के बाद बोले केंद्रीय मंत्री, 2016 के मुकाबले 2019 में बढ़ी साफ हवा वाले दिनों की संख्या
मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि 2016 की तुलना में 2019 में खराब हवा वाले दिनों की संख्या में कमी आई है और साफ हवा वाले दिनों की संख्या बढ़ी है। आज वायु प्रदूषण को लेकर पर्यावरण मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों के साथ बैठक की।
नई दिल्ली, एएनआइ। 2016 के मुकाबले 2019 में गुड एयर डेज (साफ हवा वाले दिन) की संख्या में इजाफा दर्ज किया गया। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा है कि 2016 के मुकाबले 2019 में साफ हवा वाले दिनों में बढ़ोतरी हुई है, वहीं बैड एयर डेज की संख्या घटी है। उन्होंने बताया कि 2019 में गुड एयर डेज की संख्या 182 थी जबकि 2016 में यह संख्या 108 थी। वहीं, खराब हवा वाले दिनों की संख्या में भी काफी कमी आई है। मंत्री ने बताया कि 2016 में बैड एयर डेज की संख्या 246 थी जो 2019 में घटकर 183 रह गई।
दरअसल, गुरुवार को दिल्ली, हरियाणा और पंजाब समेत विभिन्न राज्यों में पराली जलाने के कारण होने वाले प्रदूषण को लेकर पर्यावरण मंत्रालय ने एक वर्चुअल मीटिंग आयोजित की थी। इस मीटिंग में वायु प्रदूषण और पराली जलाने से हवा दूषित होने के मुद्दों पर चर्चा की गई। गौरतलब है कि हर साल नवंबर-दिसंबर महीने के आस-पास पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्यों में पराली जलाए जाने के कारण वायु प्रदूषण काफी बढ़ जाता है। इस मीटिंग में दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के पर्यावरण मंत्री और पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, डीडीए एवं एनडीएमसी के अधिकारी शामिल हुए। मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2016 की तुलना में 2019 में खराब हवा वाले दिनों की संख्या में कमी आई है। उन्होंने आगे बताया कि पूसा इंस्टीट्यूट द्वारा पराली को नष्ट करने के लिए एक मशीन का निर्माण किया गया है। जिसका राज्यों में ट्रायल किया जाएगा।
दिल्ली में 15 अक्टूबर से लागू होगा ग्रेप
आने वाले दिनों में वायु प्रदूषण बढ़ने के पूर्वानुमान को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में 15 अक्टूबर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू किया जा रहा है, जो पांच महीनों के लिए लागू रहेगा। यानी कि यह 15 अक्टूबर से शुरू होकर 15 मार्च तक जारी रहेगा। इसके तहत सड़कों की सफाई तकनीकी रूप से की जाएगी। इसके अलावा कच्ची और टूटी सड़कों पर पानी का छिड़काव करने, निर्माण कार्य वाली साइटों पर निरीक्षण और धूल से रोकने के इंतजाम, गाड़ियों की सघन चेकिंग, ट्रैफिक जाम न लगे, इसकी कोशिश करने जैसे निर्देश दिए जाएंगे। वहीं, होटल, रेस्तरां और ढाबों में कोयला और लकड़ी जलाना भी प्रतिबंधित रहेगा। ईंट के भट्ठे वही चलाए जा सकेंगे जो जिग जैग तकनीक वाले होंगे, जबकि हॉट मिक्स प्लांट व स्टोन क्रशर पर धूल बैठाने वाले उपाय किए जाएंगे।