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डेडीकेटेड कारीडोर से खुलेगा दिल्ली-कोलकाता रेलवे रूट का जाम

दिल्ली कोलकाता रूट को रेलमंत्री ने सबसे व्यस्ततम बताते हुए कहा कि डेडिकेटेड कॉरिडोर के जरिए इस जाम स लोगों को मुक्त मिलेगी। उन्होंने बुलेट ट्रेन पर जवाब देते हुए कहा कि जानबूझकर दुष्प्रचार किया जा रहा है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Wed, 27 Apr 2016 08:58 PM (IST)Updated: Wed, 27 Apr 2016 09:08 PM (IST)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने दिल्ली-कोलकाता रूट को विश्व का सर्वाधिक व्यस्त रेलवे रूट बताते हुए तीन साल में इस समस्या से निजात दिलाने का भरोसा दिया है। बुलेट ट्रेन के आलोचकों को करारा जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जापान से नगण्य ब्याज पर बुलेट ट्रेन प्रौद्योगिकी के साथ सामान्य ट्रेनों के सुरक्षित संचालन की मदद भी मिल रही है।

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लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों के विभिन्न सवालों का जवाब देते हुए प्रभु ने कहा दिल्ली-हावड़ा रूट का अवरोध पूरी तरह तभी खत्म होगा जब 2019 में पूर्वी डेडीकेटेड फ्रेट कारीडोर का निर्माण पूरा हो जाएगा। क्योंकि तब इस रूट की तमाम मालगाडिय़ां डेडीकेटेड कारीडोर पर ट्रांसफर कर दी जाएंगी और यह रूट पूरी तरह यात्री गाडिय़ों के लिए खाली हो जाएगा। उन्होंने कहा डेडीकेटेड कारीडोर पर एक साल में इतना काम हुआ है जितना छह सालों में नहीं हुआ था। प्रधानमंत्री भी इसकी प्रगति की निगरानी कर रहे हैं।

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आपको बता दें कि डेडीकेटेड कारीडोर के पूरा होने का इंतजार करने के बजाय रेलवे दिल्ली-कोलकाता रूट के सबसे ज्यादा यातायात घनत्व वाले खंडों, खासकर इलाहाबाद-मुगलसराय हिस्से की क्षमता बढ़ाने पर भी काम कर रहा है। इसके लिए इन खंडों पर दूसरी, तीसरी और कहीं-कहीं चौथी लाइन बिछाकर ट्रेनों को अतिरिक्त रास्ता देने का प्रयास किया जा रहा है।

प्रभु ने बुलेट ट्रेन के आलोचकों को भी खरी-खरी सुनाई। मंगलवार को रेल बजट पर चर्चा के दौरान कई सदस्यों ने बुलेट ट्रेन के औचित्य पर सवाल उठाए थे। आज प्रश्नकाल में भी जब उसी तरह के प्रश्न उठाए गए तो प्रभु ने फिर से तीखा जवाब दिया। प्रभु ने कहा कि लगता है बुलेट ट्रेन को लेकर जानबूझकर मिथ्या प्रचार किया जा रहा है। जबकि हकीकत है कि बुलेट ट्रेनों से सामान्य ट्रेनों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वैसे भी बुलेट ट्रेन के लिए जापान से मात्र 0.1 फीसद ब्याज पर कर्ज मिल रहा है।

जापान की बुलेट ट्रेन प्रौद्योगिकी दुनिया में सबसे निरापद है। इसके साथ जापान हमें सामान्य ट्रेनों के सुरक्षित संचालन में भी तकनीकी मदद दे रहा है। इससे सिगनल प्रणाली, ट्रैक, रोलिंग स्टॉक सभी में सुधार होगा। इस तरह बुलेट ट्रेन से संपूर्ण रेल यातायात सुरक्षित व बेहतर होगा। मंगलवार को रेल बजट पर चर्चा के जवाब में प्रभु ने एक लाख करोड़ रुपये के रेलवे संरक्षा कोष की स्थापना का एलान किया था।


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