जम्मू कश्मीर के 10 सांसदों को संसद में शामिल होने की याचिका पर फैसला रखा सुरक्षित
दिल्ली हाई कोर्ट ने जम्मू कश्मीर के 10 सांसदों को संसद में शामिल होने की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
श्रीनगर,एएनआइ। दिल्ली हाई कोर्ट ने जम्मू कश्मीर के 10 सांसदों को संसद में शामिल होने की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। पांच अगस्त को राज्य में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से सांसदों से पूराने लाभ को पुन: बहाल किए जाने की मांग की गई थी।
पांच अगस्त से हिरासत में है कई नेता
बता दें कि केंद्र सरकार की तरफ से पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन के बाद से उपजे हालात के बीच प्रशासन ने एहतियात के तौर पर भाजपा नेताओं को छोड़ अलगाववादियों सहित सभी प्रमुख राजनीतिक नेताओं व कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर सेंटूर होटल में रखा गया था। इनमें तीन पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी शामिल हैं, जिन्हें अलग-अलग जगह रखा गया है। फारूक फिलहाल, पीएसए के तहत नजरबंद हैं।
कई पीडीपी नेता हिरासत में
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में अब तक नेकां और पीडीपी के कई नेताओं को रिहा किया जा चुका है। पिछले माह प्रशासन ने पांच नेताओं को रिहा किया था। ये नेता पांच अगस्त को हिरासत में लिए गए थे। उपजे एमएलए हॉस्टल में अभी भी 21 नेता हिरासत में रखे गए। फिलहाल, तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों डॉ. फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती के अलावा पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के शाह फैसल बंद ही रहेंगे।
अधिकारियों ने उमर अब्दुल्ला को हरि निवास से गुपकार स्थित उनके आधिकारिक निवास के पास स्थित सरकारी गेस्ट हाउस एम-4 में जल्द ही स्थानांतरित किए जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को उनके घर में ही बंदी बनाकर रखे जाने की योजना पर विचार किया जा रहा है। अंतिम फैसला संबंधित सुरक्षा एजेंसियों की क्लीयरेंस के आधार पर ही होगा।