दिल्ली में 'मुफ्त पानी' पर HC सख्त, कहा- 'किसी को कुछ फ्री नहीं देना चाहिए'
कोर्ट ने यह टिप्पणी उस समय की जब वरिष्ठ वकील और एमिकस क्यूरी राकेश खन्ना ने इस मुद्दे पर अदालत के हस्तक्षेप की मांग की।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली हाईकोर्ट ने राज्य में मुफ्त पानी नीति को लेकर आम आदमी पार्टी सरकार की आलोचना की है। हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार को जमकर फटकार लगाई। कार्यकारी मुख्य जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी हरी शंकर की बेंच ने कहा 'किसी को भी मुफ्त में कुछ नहीं दिया जाना चाहिए। 10 पैसा या 1 पैसा चार्ज करिए। वास्तव में जरूरतमंद लोगों के अलावा किसी को कुछ फ्री नहीं दिया जाना चाहिए।' कोर्ट ने यह टिप्पणी उस समय की जब वरिष्ठ वकील और एमिकस क्यूरी राकेश खन्ना ने इस मुद्दे पर अदालत के हस्तक्षेप की मांग की।
दिल्ली सरकार और दिल्ली जल बोर्ड की ओर से पेश हुए वकील दयान कृष्णन ने मुफ्त पानी नीति का बचाव किया। उन्होंने कहा कि इसमें पानी का संरक्षण सुनिश्चित है क्योंकि मुफ्त इस्तेमाल के लिए 20 हजार किलो लीटर की सीमा है।
हालांकि बेंचल ने कहा कि कई ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने तय सीमा से ऊपर अवैध तरीके से कई मंजिल बनवा ली हैं। ऐसे लोग भी मुफ्त पानी का लाभ ले रहे हैं जबकि वे इसका बिल चुकाने में सक्षम हैं। वहीं कोर्ट ने कहा कि अगर सिर्फ गरीब बस्तियों में रहने वाले लोगों को राहत मिलती तो समझा जा सकता था। अब मामले में अगली सुनवाई 23 जुलाई को होगी।