चीन की आक्रामकता के बीच रक्षा मंत्रालय ने 13,165 करोड़ रुपये के सैन्य साजो सामान की खरीद को मंजूरी दी
रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) ने बुधवार को 13165 करोड़ रुपये के सैन्य प्लेटफार्मों और साजो सामान की खरीद को मंजूरी दी है। इसमें 25 स्वदेशी रूप से विकसित एएलएच मार्क-III हेलीकाप्टरों की खरीद भी शामिल हैं। पढ़ें यह रिपोर्ट...
नई दिल्ली, पीटीआइ। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीन की बढ़ती आक्रामकता के बीच रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को 13,165 करोड़ रुपये के सैन्य प्लेटफार्म और उपकरणों की खरीद के लिए मंजूरी दे दी जिनमें 25 स्वदेश विकसित आधुनिक हल्के (एएलएच) मार्क-3 हेलीकाप्टर शामिल हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) की बैठक में खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया को बढ़ावा देते हुए आइडीडीएम खरीद के तहत मैसर्स हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड से करीब 3,850 करोड़ रुपये में 25 (एएलएच) मार्क-3 हेलीकाप्टर खरीदे जाएंगे। आइडीडीएम से आशय भारत में डिजाइन, विकसित और तैयार उत्पादों से है।
इसी तरह स्वदेशी गोला बारूद को बढ़ावा देते हुए डीएसी ने राकेट के गोला-बारूद की एक खेप 4,962 करोड़ रुपये में खरीदने की मंजूरी दी है। कुल खरीद में से 11,486 करोड़ रुपये के उपकरण और प्लेटफार्म घरेलू निकायों से खरीदे जाएंगे।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'डीएसी ने भारतीय सशस्त्र बलों की अभियान संबंधी जरूरतों और आधुनिकीकरण के लिए लगभग 13,165 करोड़ रुपये के पूंजी अधिप्राप्ति प्रस्तावों के लिहाज से 'अनिवार्यता स्वीकृति' प्रदान की। कुल स्वीकृत राशि में से 11,486 करोड़ रुपये (87 प्रतिशत) की खरीद घरेलू स्त्रोतों से होनी है।'
मंत्रालय ने बताया कि इसके साथ ही डीएसी ने व्यावसायिक प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए रक्षा खरीद प्रक्रिया 2020 के कुछ संशोधनों को भी स्वीकृति दे दी।
रक्षा उपकरणों की इस खरीद को ऐसे समय मंजूरी दी गई है जब पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीन की आक्रामकता कम होने का नाम नहीं ले रही है। हाल ही में रक्षा सूत्रों ने बताया था कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी से लगे अपने इलाकों में चीन स्थाई सैन्य ठिकानों का निर्माण कर रहा है। समाचार एजेंसी पीटीआइ की हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक एलएसी पर अभी भी भारत और चीन की ओर से 50 से 60 हजार जवानों की तैनाती बरकरार है।