Paddy Sowing Dip: मानसून की असामान्य बारिश से पिछड़ी धान की रोपाई, क्या कहते हैं सरकार के आंकड़े
dip in paddy sowing मानसून की असामान्य बारिश से खरीफ सीजन की प्रमुख फसल धान की खेती पिछले साल के मुकाबले लगभग 24 फीसद घट गई है। तिलहनी फसलों की बोआई में भी 20 फीसद से ज्यादा की कमी आई है। जानिये क्या कहते हैं ताजा आंकड़े....
सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। मानसून की असामान्य बारिश से खरीफ सीजन वाली फसलों की बोआई पिछड़ रही है। खरीफ सीजन की प्रमुख फसल धान की खेती पिछले साल के मुकाबले लगभग 24 फीसद घट गई है। इसी तरह तिलहनी फसलों की खेती को बढ़ावा देने पर जोर देने के बावजूद 20 फीसद से अधिक की बोआई में कमी आई है। इसे लेकर कृषि व खाद्य मंत्रालय के माथे पर बल पड़ने लगा है। लेकिन मौसम विभाग के ताजा पूर्वानुमान के मुताबिक अगले सप्ताह खाद्यान्न उत्पादक राज्यों में मानसून की अच्छी बारिश हो सकती है, जिससे खरीफ की खेती को रफ्तार मिल सकती है।
- पिछले खरीफ सीजन में अब तक 95 लाख टन हेक्टेयर में धान की रोपाई हो चुकी थी।
- इस साल अभी तक धान की खेती पिछले साल के मुकाबले लगभग 24 फीसद घट गई है।
- पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार में मानसून की बारिश 25 से 45 फीसद कम हुई है।
- सोयाबीन और अरंडी की खेती में 21.24 फीसद और 39.72 फीसद की कमी आई।
कई राज्यों में कम हुई बरसात
चालू खरीफ सीजन की फसलों की बोआई के लिए जून से जुलाई का पहला पखवाड़ा अहम होता है। जून महीने के पहले पखवाड़ा में 30 फीसद तक कम बारिश हुई, जबकि पूरे माह के दौरान आठ फीसद कम बरसात हुई है। इससे खेती प्रभावित हुई है। जुलाई का पहला सप्ताह समूचे पश्चिमी व मध्य भारत में में भारी बारिश हुई है। बारिश की कमी से यह क्षेत्र उबर गया है। लेकिन उत्तर प्रदेश में 50 फीसद कम बारिश हुई है, जबकि पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार में मानसून की बारिश 25 से 45 फीसद कम हुई है। लिहाजा यहां खरीफ की खेती प्रभावित हुई है।
मात्र 72 लाख हेक्टेयर में हुई रोपाई
कृषि मंत्रालय के शुक्रवार को जारी ताजा बोआई आंकड़ों के मुताबिक धान की रोपाई मात्र 72 लाख हेक्टेयर में हो सकी है। दरअसल, बिहार, समूचे उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में मानसून की अच्छी बारिश नहीं हुई है। इससे यहां धान की रोपाई प्रभावित हुई है। सामान्य तौर पर हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में धान की रोपाई मई के आखिरी सप्ताह से चालू हो जाती थी।
धान की खेती का रकबा 16 फीसद तक घटा
धान का रकबा घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए पिछले दिनों खाद्य मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में केंद्रीय खाद्य व उपभोक्ता मामले मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यों के खाद्य मंत्रियों से कहा कि धान की खेती का रकबा 16 फीसद तक घट गया है। राज्यों को इसमें पहल करते हुए धान की खेती को बढ़ाना होगा। खाद्य सुरक्षा के लिए यह जरूरी है।
क्या कहते हैं सरकार के आंकड़े
कृषि मंत्रालय के शुक्रवार को जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक तिलहनी फसलों की खेती का रकबा 77.80 लाख हेक्टेयर पहुंच चुका है। लेकिन पिछले खरीफ सीजन के अब तक के बोआई आंकड़े 97.56 लाख हेक्टेयर से कम है। 20.26 लाख हेक्टेयर रकबा घटा है। सोयाबीन और अरंडी की खेती में 21.24 फीसद और 39.72 फीसद की कमी आई है।
अभी पकड़ सकती है बोआई की रफ्तार
हालांकि दलहनी फसलों की खेती की रफ्तार सही चल रही है। इन फसलों की बोआई कम बारिश में भी संभव है। लेकिन अरहर की खेती 28.58 फीसदम कम हुई है। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक अगले सप्ताह उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और राजस्थान में अच्छी बरसात हो सकती है। जबकि हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पूर्वी राजस्थान में भारी बारिश हो सकती है। माना जा रहा है कि इसके बाद इन राज्यों में खरीफ सीजन की खेती रफ्तार पकड़ेगी।