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Child Death Rate: देश में बाल मृत्युदर में तीन अंकों की गिरावट, समग्र प्रजनन दर में भी आई कमी

भारत में पांच साल तक के बच्चों की मृत्युदर में तीन अंक की गिरावट दर्ज की गई। सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) की 2020 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2019 में प्रति 1000 बच्चों में से 35 की मौत हुई थी 2020 में यह संख्या घटकर 32 पर आ गई।

By AgencyEdited By: Amit SinghPublished: Sat, 24 Sep 2022 04:30 AM (IST)Updated: Sat, 24 Sep 2022 04:30 AM (IST)
Child Death Rate: देश में बाल मृत्युदर में तीन अंकों की गिरावट, समग्र प्रजनन दर में भी आई कमी
देश में बाल मृत्युदर में तीन अंकों की गिरावट

नई दिल्ली, प्रेट्र: भारत में पांच साल तक के बच्चों की मृत्युदर में तीन अंक की गिरावट दर्ज की गई है। सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) की 2020 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2019 में प्रति 1,000 बच्चों में से 35 की मौत हुई थी, 2020 में यह संख्या घटकर 32 पर आ गई। अगर वार्षिक गिरावट दर में देखें तो यह 8.6 प्रतिशत है।

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रिपोर्ट के अनुसार पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्युदर में शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों में अंतर है। ग्रामीम क्षेत्रों में जहां प्रति हजार बच्चों पर 36 मौतें हुईं, वहीं शहरों में यह संख्या 21 रही। उक्त अवधि के दौरान शिशु मृत्युदर में भी दो अंकों की गिरावट दर्ज की गई है और यह 2019 में प्रति हजार पर 30 से घटकर 2020 में 28 पर आ गई (वार्षिक गिरावट दर 6.7 प्रतिशत)। नवजात मृत्युदर में भी दो अंकों की गिरावट आई है। 2019 में एक हजार बच्चों पर जहां 22 बच्चों की मौत हुई थी, वहीं 2020 में यह संख्या घटकर 20 पर आ गई (वार्षिक गिरावट दर 9.1 प्रतिशत)।

रिपोर्ट के अनुसार देश में समग्र प्रजनन दर (टीएफआर) में भी गिरावट आई है और यह 2019 में 2.1 की तुलना में 2020 में 2.0 पर आ गई है। 2020 में सर्वाधिक टीएफआर बिहार (3.0) में दर्ज की गई जबकि दिल्ली, तमिलनाडु और बंगाल में सबसे कम (1.4) रही। वर्तमान में राष्ट्रीय स्तर पर एक ग्रामीण महिला का टीएफआर 2.2 है जो कि शहरी महिला (1.6) की तुलना में अधिक है।

मांडविया ने पीएम के नेतृत्व को सराहा

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने गुरुवार को भारत के महापंजीयक द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के हवाला देते हुए कहा कि देश 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने की दिशा में 2014 से ही शिशु मृत्युदर, बाल मृत्युदर (पांच साल से कम उम्र के बच्चे) और नवजात मृत्युदर में उल्लेखनीय कमी देख रहा है। भारत केंद्रित हस्तक्षेप, मजबूत केंद्र-राज्य साझेदारी और स्वास्थ्य कर्मियों के समर्पण के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बाल मृत्युदर के 2030 के एसडीजी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए तैयार है।


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