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'गुड़िया' मामले में डीसीपी पर गिरी गाज

नई दिल्ली [जासं]। गांधी नगर में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार पांच वर्षीय 'गुड़िया' मामले में पूर्वी जिला पुलिस की लापरवाही की गाज पुलिस उपायुक्त [डीसीपी] प्रभाकर पर गिरी है। सोमवार को उनका तबादला प्रधानमंत्री सुरक्षा में कर दिया गया। साथ ही दक्षिण जिला पुलिस उपायुक्त छाया शर्मा का तबादला मिजोरम किया गया है।

By Edited By: Published: Mon, 29 Apr 2013 10:24 PM (IST)Updated: Mon, 29 Apr 2013 10:31 PM (IST)
'गुड़िया' मामले में डीसीपी पर गिरी गाज

नई दिल्ली [जासं]। गांधी नगर में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार पांच वर्षीय 'गुड़िया' मामले में पूर्वी जिला पुलिस की लापरवाही की गाज पुलिस उपायुक्त [डीसीपी] प्रभाकर पर गिरी है। सोमवार को उनका तबादला प्रधानमंत्री सुरक्षा में कर दिया गया। साथ ही दक्षिण जिला पुलिस उपायुक्त छाया शर्मा का तबादला मिजोरम किया गया है।

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उपराज्यपाल कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री सुरक्षा में तैनात अजय कुमार को प्रभाकर की जगह पूर्वी जिले का पुलिस उपायुक्त बनाया गया है। वहीं बाहरी जिला उपायुक्त पद पर तैनात बीएस जायसवाल को दक्षिण जिला पुलिस उपायुक्त बनाया गया है। जबकि उनकी जगह अतिरिक्त पुलिस आयुक्त संजय कुमार को तैनात किया गया है। संजय कुमार अब तक प्रधानमंत्री सुरक्षा में तैनात थे। छाया शर्मा के साथ उनके पति विवेक किशोर को भी मिजोरम भेजा गया है। विवेक किशोर अब तक उपायुक्त [पुलिस मुख्यालय] का काम देख रहे थे।

ज्ञात हो कि गुड़िया मामले में दिल्ली पुलिस की विजिलेंस जांच रिपोर्ट में पूर्वी जिले के गांधी नगर थाना पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाया गया है। गुड़िया की गुमशुदगी की सूचना मिलने के दो दिन बाद भी पुलिसकर्मी जांच के लिए उसके घर नहीं पहुंचे थे। दो दिन बाद मकान में ही एक कमरे से रोने की आवाज सुनकर परिजन को उसके साथ हुई दरिंदगी का पता लगा। हैरानी की बात यह है कि इसकी सूचना मिलने पर भी थाने से किसी पुलिसकर्मी ने मौके पर जाने की जहमत नहीं जुटाई थी। परिजन से ही गुड़िया को थाने लेकर आने को कहा गया। अस्पताल में गुडिया के पिता को दो हजार रुपये देने में भी एसएचओ की भूमिका सामने आई है। इस मामले में गांधी नगर एसएचओ धर्मपाल सिंह व विवेचना अधिकारी महावीर सिंह को निलंबित किया जा चुका है। वहीं गुड़िया के बेहतर उपचार की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही किशोरी को थप्पड़ मारने पर खजूरी खास के एसीपी बीएस अहलावत को भी निलंबित कर दिया गया था।

सूत्रों के अनुसार, छाया शर्मा का तबादला छह माह पूर्व ही मिजोरम हुआ था। लेकिन वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म मामले की अदालत में सुनवाई को देखते हुए सरकार ने उन्हें कुछ समय के लिए रोक लिया था। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। शोभित मोदी, पोंटी चढ्डा और दीपक भारद्वाज जैसे चर्चित मामलों में दक्षिण जिला पुलिस को मिली नाकामी से भी कुछ लोग छाया शर्मा के तबादले को जोड़कर देख रहे हैं। हालांकि, पुलिस मुख्यालय ने सभी तबादलों को सामान्य प्रक्रिया के तहत हुआ करार दिया है। अधिकारियों का कहना है कि प्रभाकर ने काफी पहले ही पद से हटने की इच्छा जाहिर कर दी थी। लेकिन जिस प्रकार दिल्ली पुलिस में चार जिला पुलिस उपायुक्तों को इधर से उधर किया गया है। उससे कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में शीर्ष स्तर पर भी कुछ अधिकारियों का तबादला संभव है।

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