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दाऊद के गुर्गे इकबाल मिर्ची की संपत्ति पर कसा शिकंजा, मुंबई में ईडी ने पांच अरब की प्रॉपर्टी को किया जब्त

जब्त की गई तीनों इमारतों में इकबाल मिर्ची और उससे जुड़े लोगों की अवैध कमाई लगे होने के सुबूत मिले थे। जब्ती आदेश में तीनों इमारतों से संबंधित देनदारियां और निवेश शून्य घोषित कर दिया गया। अब उन पर कोई व्यक्ति या संस्था किसी तरह का दावा नहीं कर पाएंगे।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 18 Nov 2020 08:55 PM (IST)Updated: Wed, 18 Nov 2020 08:55 PM (IST)
अंडरव‌र्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहि‍म और इकबाल मिर्ची की फाइल फोटो।

नई दिल्ली, प्रेट्र। वैश्विक आतंकी और अंडरव‌र्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम के खास रहे बदमाश इकबाल मिर्ची की मुंबई स्थित तीन अचल संपत्तियों को प्रवर्तन निदेशालय ने जब्त कर लिया है। पांच सौ करोड़ रुपये मूल्य की इन संपत्तियों को केंद्र सरकार के दो कानूनों के तहत जब्त किया गया है। प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार मुंबई के वर्ली इलाके में स्थित राबिया मेंशन, मरियम लॉज और सी व्यू नाम की इमारतों को जब्त किया गया है। इन अचल संपत्तियों को साफेमा (स्मगलर्स एंड फॉरेन एक्सचेंज मैनीपुलेटर्स एक्ट) और एनडीपीएस (नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंसेज) के तहत जब्त किया गया है। जब्ती की कार्रवाई नौ नवंबर को की गई।

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तस्करी और नशीले पदार्थो के धंधे की कमाई से खरीदी गई थीं तीन इमारतें

जब्त की गई तीनों इमारतों में इकबाल मिर्ची और उससे जुड़े लोगों की अवैध कमाई लगे होने के सुबूत मिले थे। सक्षम प्राधिकारी द्वारा दिए गए जब्ती आदेश में तीनों इमारतों से संबंधित देनदारियां और निवेश शून्य घोषित कर दिया गया। अब उन पर कोई व्यक्ति या संस्था किसी तरह का दावा नहीं कर पाएंगे। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इकबाल मिर्ची के खिलाफ मनी लांड्रिंग केस (अवैध रूप से धन देश से बाहर ले जाने का मामला) दर्ज किया था। प्रवर्तन निदेशालय ने इसी मामले में तीनों इमारतें कब्जे में ले रखी थीं। लेकिन 2013 में लंदन में उसकी मौत हो गई।

इसके बाद 2019 में मुंबई पुलिस ने उसके रिश्तेदारों और अन्य लोगों के खिलाफ कई मामले दर्ज किए। ईडी को शक है कि मुंबई और इसके आसपास मिर्ची की कई और अचल संपत्तियां हैं। इनमें से कुछ रिश्तेदारों या छद्म नामों से खरीदी हो सकती हैं। मिर्ची ने तीनों इमारतों को सरकार के कब्जे से बचाने के लिए सर मुहम्मद यूसुफ ट्रस्ट का भी सहारा लिया था लेकिन उसकी यह चाल कामयाब नहीं हुई। ट्रस्ट के दावे को सही नहीं माना गया।


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