हेडली का खुलासा, '26/11 हमले के बाद मेरे घर आए थे पाकिस्तान के पूर्व पीएम गिलानी'
मुंबई में 26 नवंबर 2008 के आतंकी हमले में शामिल वादा माफ गवाह डेविड कोलमैन हेडली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चल रही सुनवाई खत्म हो गई है, जो कल सुबह 7 बजे से फिर शुरू होगी। आज हुई पूछताछ में हेडली ने कई खुलासे किए।
मुंबई। मुंबई में 26 नवंबर 2008 के आतंकी हमले में शामिल वादा माफ गवाह डेविड कोलमैन हेडली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चल रही सुनवाई खत्म हो गई है, जो कल सुबह 7 बजे से फिर शुरू होगी। आज हुई पूछताछ में हेडली ने कई खुलासे किए। उसने मुंबई की कोर्ट में सवाल-जवाब के दौरान बताया है कि उसके पिता रेडियो पाकिस्तान में महानिदेशक थे और 25 दिसबंर 2008 को जब उसके पिता की मृत्यु हुई थी तो तब पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री युसुफ रजा गिलानी पाक स्थित उसके घर पर आए थे।
हेडली ने बताया कि उसे बचपन से ही भारत के प्रति नफरत थी,क्योंकि भारतीय वायु सेना के जहाजों ने 1971 में उसके स्कूल पर बमबारी की थी जिसमें कई लोग मारे गए थे।
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अभी तक की बातचीत में हेडली द्वारा किए गए खुलासे-
- हेडली ने स्वीकार किया कि वह शिवसेना के लिए फंड एकत्र करने हेतु अमेरिका में एक कार्यक्रम करना चाहता था
- इसके लिए वह राजाराम रेगे के संपंर्क में था, उसने कभी बाला साहेब को इस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए आमंत्रित नहीं किया।
- रेगे द्वारा यह बताए जाने पर कि बाला साहेब काफी बुढ़े हो चुके हैं और स्वस्थ्य नहीं हैं, इसके बाद वह अन्य शिव सेना के नेताओं को इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित करना चाहता था।
- हेडली ने कहा कि वह इस बात का खुलासा नहीं करेगा कि वह अभी कहां और किस जेल में बंद है एवं कौन सी सुविधाएं उसे प्राप्त हैं।
- पूछताछ के दौरान हेडली ने खुलासा किया कि अपने स्कूल पर हुई बमबारी का बदला लेने के लिए मैं लश्कर में शामिल हो गया था।
- हेडली ने कहा कि मैं 7 दिसंबर, 1971 से भारत के प्रति नफरत करता था जब भारतीय जहाजों ने मेरे स्कूल पर बमबारी की एक वहां कार्य करने वाले लोग मारे गए। मुझे बचपन से ही भारत के प्रति नफरत थी।
- हेडली ने कहा कि उसके पिता रेडियो पाकिस्तान में महानिदेशक थे और 25 दिसबंर 2008 को जब उसके पिता की मृत्यु हुई थी तो तब पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम युसुफ रजा गिलानी पाक स्थित उसके घर पर आए थे हेडली ने कहा कि मैंने अपने पिता को लश्कर के साथ अपने संबंधों के बारे में जानकारी दी थी और उन्हें लश्कर के साथ मेरे संबंधों को लेकर एतराज था।एक और खुलासा करते हुए हेडली ने कहा कि
- मेरे पिता, भाई और अन्य रिश्तेदार पाकिस्तान में रहते थे लेकिन मैं उनके बारे में जानकारी नहीं दूंगा।
- हेडली ने बताया कि मुझे पाकिस्तान में एक बार गिरफ्तार किया गया था और वह मामला मेरी पूर्व पत्नी फैजा द्वारा दायर किया गया था।एक सवाल के जवाब में हेडली ने कहा कि 9/11 अमेरिकी हमले के बारे में मुझसे कभी सवाल-जवाब नहीं किए गए।
- इशरत जहां के नाम के सवाल पर हेडली ने बताया कि एनआईए ने उसे इशरत का नाम लेने को नहीं कहा। बल्कि उससे जो भी सवाल पूछे गए और उसने सिर्फ उनका जवाब दिया।
- हेडली ने कहा कि यह सच नहीं है कि मैंने 1992 में मानसिक बीमारी के लिए इलाज करवाया था और ना मैं किसी बीमारी से पीड़ित था। मैं कभी भी किसी पुनर्सुधार केंद्र में नहीं रहा।
- हेडली ने कहा कि इस अदालत में गवाही देने से पहले मैं विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम और संयुक्त पुलिस आयुक्त अतुल चंद्र कुलकर्णी से कभी नहीं मिला।
- हेडली ने माना कि 26/11 हमले के बाद तहव्वुर राणा ने मेरे लिए फेक ई-मेल आईडी बनाई थी जिसका इस्तेमाल कोडवर्ड बातचीत के लिए किया जाता था।
- 2004 में मेरे लश्कर में प्रशिक्षण लेने के दौरान जकी-उर-रहमान लखवी भी मेरे पास आया और कहा कि एक उस भारतीय की हत्या करनी है जो पैसे तो लश्कर से लेता है लेकिन जानकारियां भारतीय एजेंसियों को देता है।
- हेडली ने खुलासा किया कि 26/11 से पहले मैंने भारत में एक परमाणु संयंत्र (न्यूक्लियर प्लांट) का दौरा किया था लेकिन यह मुंबई हमलों से की निगरानी के संचालन से संबंधित नहीं था बल्कि यह निगरानी इसलिए की थी कि मैं किसी को परमाणु संयंत्र से लश्कर के लिए भर्ती कर सकूं। और यह जानकारी मैंने कुछ समय बाद तहव्वुर राणा को बताई भी थी।
- हेडली ने बताया कि मैंने मुबंई स्थित कोलाबा के सैन्य क्षेत्र की रेकी भी इसी उद्देश्य के लिए की थी। हेडली ने बताया कि उसने कोलाबा पुलिस स्टेशन की रेकी तो नहीं की थी लेकिन ताज होटल के पास महाराष्ट्र पुलिस मुख्यालय की रेकी जरूर की थी।
इससे हेडली से सवाल किया गया कि क्या उसे लश्कर से पैसा मिलता था? इसके जवाब में उसने कहा था कि नहीं मुझे उससे कोई पैसा नहीं मिला, लेकिन मैं उसके लिए फंडिंग करता था। मैंने 60 से 70 लाख रुपए तक उसे दिए थे।
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