VIDEO: दंतेवाड़ा के एसपी ने भावुक होकर बताई नक्सली हमले की दास्तां
छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव से दंतेवाड़ा के अरनपुर थाना क्षेत्र में नक्सलियों ने मंगलवार को घात लगाकर हमला कर दिया।
दंतेवाड़ा, जेएनएन। छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले दंतेवाड़ा के अरनपुर थाना क्षेत्र में नक्सलियों ने मंगलवार को घात लगाकर हमला किया। इसमें दो जवान और दूरदर्शन के एक कैमरा मैन की मौत हो गई। इस बारे में मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए एसपी दंतेवाड़ा अभिषेक पल्लव अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाए। उन्होंने रोते हुए पूरी घटना कैमरे के सामने बताई।
छत्तीसगढ़ के एसपी दंतेवाड़ा अभिषेक पल्लव बताया कि दंतेवाड़ा जिले के अंतर्गत अरनपुर थाना क्षेत्र में नक्सलियों ने पुलिस दल पर हमला कर दिया। इस हमले में छत्तीसगढ़ पुलिस के एक उपनिरीक्षक रुद्र प्रताप सिंह और एक सहायक आरक्षक मंगलु शहीद हो गए। नक्सली हमले में दूरदर्शन के कैमरामैन अच्युतानंद साहू की भी मौत हो गई और दो पुलिसकर्मी आरक्षक विष्णु नेताम और सहायक आरक्षक राकेश कौशल घायल हो गए। दूरदर्शन के दो अन्य मीडियाकर्मी सुरक्षित हैं।
घटना के बाद दंतेवाड़ा एसपी ने भावुक होते हुए बताया कि उन्हें गाड़ियों में ले जाना संभव नहीं था तो हमने एंबुलेंस का इंतजार किया। फिर हमने एंबुलेंस से उन्हें भेजा। नक्सलियों ने हमारे दो हथियार लुटे थे, उन्हें रिकवर किया गया। दो नक्सलियों को भी गोली लगी है, वह भी आसपास होंगे। मीडिया की 6 टीमें इस गांव को देख चुकी है। गांववालों ने दिल खोल के मीडियावालों से बात की।
गांववाले जब नक्सलियों की नहीं सुन रहे थे तो सीआरपीएफ को टारगेट किया। आज जब फायरिंग शुरू हुई तो उन्होंने पुलिस को नहीं बल्कि मीडियाकर्मियों को निशाना बनाया। एक पॉइंट पर आकर उन्होंने मारा और कैमरा ले लिया। दो मीडियाकर्मी 150 मीटर रेंगते हुए भागे हैं। उनके ऊपर पचास से सौ राउंड फायर किए हैं। कॉन्स्टेबल ने यदि धक्का नहीं दिया होता तो दोनों मीडियाकर्मी मारे गए होते।'
पिटाई के बाद भी ग्रामीण राजी नहीं हुए
अभिषेक पल्लव ने बताया कि यहां पर पिछले 15 दिनों से देशभर की मीडिया आ रहे थे। ये अकेले तीन-चार गांव जहां पर अंदर तक जाकर वहां जान रहे थे कि लोग क्या सोचते हैं, उनकी पुलिस और प्रशासन के बारे में क्या राय है। कैसे वह विकास चाहते हैं? रिकॉर्डिंग के वक्त आज रोड पर एक बाइकवाला जा रहा था, वह बता रहा था कि कैसे स्कूल में रोज टीचर पहुंचता है, एंबुलेंस पहुंचती है। 10 दिनों से लगातार गांववालों की पिटाई की गई लेकिन ग्रामीण सड़क को काटने को राजी नहीं हुए।