दल खालसा ने कहा, गणतंत्र दिवस कार्यक्रमों से दूर रहें सिख
अलगाववादी संगठन दल खालसा ने शुक्रवार को फरमान जारी कर सिखों को 26 जनवरी के कार्यक्रमों से तब तक दूर रहने की अपील की है, जब तक सिखों के प्रति संवैधानिक नाइंसाफी समाप्त नहीं की जाती। साथ ही, कहा कि सिख की वफादारी व आस्था श्री अकाल तख्त साहिब व सिखी सिद्धांतों के साथ है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर। अलगाववादी संगठन दल खालसा ने शुक्रवार को फरमान जारी कर सिखों को 26 जनवरी के कार्यक्रमों से तब तक दूर रहने की अपील की है, जब तक सिखों के प्रति संवैधानिक नाइंसाफी समाप्त नहीं की जाती। साथ ही, कहा कि सिख की वफादारी व आस्था श्री अकाल तख्त साहिब व सिखी सिद्धांतों के साथ है।
शुक्रवार बाद दोपहर दल खालसा ने दमदमी टकसाल, शिरोमणि अकाली दल पंजप्रधानी व सिख यूथ ऑफ पंजाब के साथ मिलकर नाइंसाफी व ज्यादतियों के विरुद्ध रोष-प्रदर्शन किया। इसमें सैकड़ों सिख नौजवान हाथों में काले झंडे व बैनर पकड़े हुए थे। बैनरों पर लिखा था कि जब संविधान में सिखों की अलग पहचान से इन्कार कर रहा है तो फिर 26 जनवरी का जश्न सिख क्यों मनाएं।
दल खालसा के मुखिया हरचरणजीत सिंह धामी ने कहा कि सिख एक अलग कौम है। हिंदुस्तान में सिखों के साथ दुर्व्यवहार किया गया है। दमदमी टकसाल के बाबा हरनाम सिंह खालसा ने कहा कि भारतीय संविधान सिखों से एक धोखा है।
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