'जागरण' और 'फेसबुक' का साझा अभियान 'जीतेगा भारत-हारेगा कोरोना' एक बार फिर आज से
कोविड विपदा के विरुद्ध हर किसी ने अपने हिस्से की लड़ाई लड़ी है। हमने इन योद्धाओं की प्रेरणा और प्रोत्साहन से भरी संघर्षगाथाओं को आपसे साझा किया। इस विकट संघर्ष और कोरोना योद्धाओं को पढ़ते समझते सराहते और साझा करते हुए हम आधी चुनौती पार कर आये हैं।
टीम जागरण, नई दिल्ली। वक्त कितना भी कठिन हो, बीत जाता है। बस लड़ना जरूरी है। जीतने का जज्बा होना चाहिए। हम भारतीय जीवंत उदाहरण हैं। कोविड महामारी से हमारा अनथक संघर्ष जारी है। आज से छह महीने पहले, जब हालात बहुत कठिन थे और लड़ाई की शुरुआत हुई थी, विश्व में सर्वाधिक पढ़े जाने वाले व विश्वसनीय समाचार पत्र 'दैनिक जागरण' और विश्व के सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'फेसबुक' ने साथ मिलकर प्रिंट और डिजिटल में महाअभियान छेड़ा और नारा दिया- 'जीतेगा भारत, हारेगा कोरोना'। दैनिक जागरण के करोड़ों पाठक और जागरण डॉट कॉम व फेसबुक के यूजर्स ने इसमें सहभागिता कर नारे को बुलंद किया। आज एक बार फिर जागरण-फेसबुक देश से वही आह्वान करने जा रहे हैं। इन महामंचों पर 'जीतेगा भारत, हारेगा कोरोना' कैंपेन गुरुवार से प्रारंभ होने जा रहा है।
कोविड विपदा के विरुद्ध हर किसी ने अपने हिस्से की लड़ाई लड़ी है। हमने इन योद्धाओं की प्रेरणा और प्रोत्साहन से भरी संघर्षगाथाओं को आपसे साझा किया और आपने भी इन मंचों पर आकर कोरोना के खिलाफ एकजुटता दिखाई। इस विकट संघर्ष और कोरोना योद्धाओं को पढ़ते, समझते, सराहते और साझा करते हुए हम आधी चुनौती पार कर आये हैं। वह कठिनतम समय बीत गया, जिसमें सबकुछ अनिश्चित-सा था। उम्मीदों के आकाश में अब भोर की लालिमा है। आज जो बढ़त हासिल हुई है, वह जीत का भरोसा दिलाती है।
अब निर्णायक वार-प्रहार की घड़ी है। इसीलिए फिर उसी जज्बे को समेट कर, एक-दूसरे को प्रोत्साहित करने, एक-दूसरे के योगदान को सराहने और अभिनंदन करने की बारी है। 'दैनिक जागरण' के साथ ही 'जागरण डॉट कॉम' और हमारे फेसबुक पेज पर अगले 15 दिनों तक हम फिर ला रहे हैं, जीतने के जज्बे से भरी ऐसी ही कुछ श्रेष्ठतम जीवंत कहानियां। इन्हें पढ़ें, सराहें और साझा कर इस अभियान में सहभागिता करें। आज पढ़ें झारखंड के जमशेदपुर से चुनी गई कहानी।
(अस्वीकरण/डिसक्लेमरः फेसबुक के साथ इस अभियान में सामग्री का चयन, संपादन व प्रकाशन-प्रसारण जागरण समूह के अधीन है।)