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VIDEO: ओडिशा और आंध्र प्रदेश में 'तितली' ने मचाई तबाही, आठ लोगों की मौत

आंध्र प्रदेश के श्रीकुलुलम और विजयनगरम जिलों में तितली चक्रवात की चपेट में आने से 8 लोगों की मौत हो गई।

By BabitaEdited By: Published: Thu, 11 Oct 2018 08:26 AM (IST)Updated: Thu, 11 Oct 2018 05:42 PM (IST)
VIDEO: ओडिशा और आंध्र प्रदेश में 'तितली' ने मचाई तबाही, आठ लोगों की मौत
VIDEO: ओडिशा और आंध्र प्रदेश में 'तितली' ने मचाई तबाही, आठ लोगों की मौत

भुवनेश्वर, जेएनएन। विकराल रूप धारण कर चुके चक्रवात तितली ने आंध्र प्रदेश और ओडिशा में भारी तबाही मचाई है। गुरुवार को आंध्र प्रदेश के श्रीकुलुलम और विजयनगरम जिलों में 8 लोगों की मौत हो गई। दोनों जिलों में बिजली आपूर्ति और संचार प्रणाली प्रभावित है। सड़कों के क्षतिग्रस्त होने के कारण तटीय गांव मुख्‍य इलाकों से कट चुके हैं।

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वहीं अब ओडिशा के गोपालपुर में स्थल भाग को छूने के बाद यह पश्चिम बंगाल की तरफ बढ़ रहा है। जानकारी के मुताबिक, गुरुवार 5:25 बजे तितली तूफान दक्षिण ओडि़शा के गोपालपुर एवं उत्तर आन्ध्र प्रदेश के कलिंग पटनम में स्थल भाग से टकराने के बाद वहां पर भारी बारिश होने के साथ ही 102 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चल रही है। 

मौसम विभाग ने पहले हवा की गति 160 से 165 किमी. प्रति घंटा रहने का अनुमान लगाया गया। हालांकि हवा की गति इससे काफी कम होने से लोगों के साथ प्रशासन ने भी राहत ली है। मौसम विभाग ने यह भी जानकारी दी है कि पूर्वाह्न 11:30 बजे के बाद राज्य में और तितली तूफान का प्रभाव नहीं रहेगा, मगर तटीय जिलों में भारी बारिश का दौर जारी रहेगा।

24 घंटे के अन्दर परिस्थिति होगी स्वभाविक: विशेष राहत आयुक्त 
चक्रवाती तूफान तितली का डर अब समाप्त हो गया है। इस तूफान ने राज्य में ज्यादा कुछ नुकसान नहीं कर पाया है। विशेष रूप से इस तूफान के चलते एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। यह बात गुरुवार को विशेष राहत आयुक्त विष्णुपद सेठी ने मीडिया को जानकारी दी है। श्री सेठी ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा है कि फिलहाल तितली का पूरा प्रभाव अभी खत्म नहीं हुआ है, बावजूद इसके नुकसान की मात्रा बहुत कम है। कुछ जगहों पर बिजली के खम्भे गिर गए हैं, तो कुछ जगहों पर पेड़ उखड़ गए हैं, जिससे उन जगहों पर बिजली सेवा बाधित हुई है। सरकार ने आगामी 24 घंटे के अन्दर परिस्थिति को स्वभाविक करने का लक्षय रखा है। ऐसे में बहुत जल्द उक्त जगहों पर आवागमन एवं बिजली सेवा को बहाल कर दिए जाने की बात विशेष राहत आयुक्त श्री सेठी ने कही है। 

चक्रवाती तूफान से गजपति जिला सर्वाधिक प्रभावित
राज्य के पांच जिलों में जिस प्रकार से चक्रवाती तूफान तितली के तांडव मंचाने का पूर्वानुमान किया गया था, वह आशंका अब खत्म हो गई है हालांकि कुछ जगहों पर इस तूफान के चलते भारी क्षति हुई है। खासकर गजपति में सर्वाधिक नुकसान होने की बात पता चली है। यहां पर बड़े बड़े पेड़ उखड़ जाने से यातायात सेवा बाधित हुई है। कुछ जगहों पर घरों के टीने उड़ गए हैं। बिजली के खंभे गिर जाने से बिजली सेवा बाधित हुई है। तितली के प्रभाव से गजपति, गंजाम, पुरी जिला में भारी बारिश हो रही जबकि जगतसिंहपुर, केन्द्रापड़ा, भद्रक एवं बालेश्वर में भी तूफान के प्रभाव से भारी बारिश जारी है। 

 तितली के प्रभाव एवं मौसम विभाग के पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने व्यापक पैमाने पर सतर्कता के तहत कदम उठाया। 30 जिलों में इमरजेंसी आपरेशन केन्द्र स्थापित करने के साथ 300 पावर बोट के साथ उद्धारकारी दल तैनात किए गए हैं। 879 तूफान एवं बाढ़ आश्रय स्थल में लोगों को रखा गया है। तितली से प्रभावित होने वाले जिलों में 13 एनडीआरएप टीम तैनात की गई है। इसके अलावा आपातकालीन स्थिति के लिए दमकल विभाग को तैनात रखा गया है। गुरुवार की सुबह राज्य सरकार की तरफ से जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक 3 लाख लोगों 1112 राहत शिविर में स्थानान्तरित किया गया है। गंजाम जिला में 105 गर्भवती महिला एवं जगतसिंहपुर जिला में 18 गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाया गया है।

समुद्री तूफान के चलते चिलिका झील अशांत

समुद्री तूफान तितली के कारण चिलिका झील पूरी तरह से अशांत हो गई है। यहां तक कि समुद्र एवं चिलिका की धारा मिलने के बाद 5 फुट ऊंचा समुद्री ज्वार उठा जो कि बांध को पार करते हुए गांव के अन्दर घुस गया। इतना ही नहीं ज्वार के कारण चिलिका झील के किनारे मौजूद अरखकुदा गांव के पासे एक प्राकृतिक मुहाण (धारा) खुल गया है। इससे अरखकुदा गांव के हरचण्डी साही, भागवत साही, लक्ष्मीनारायण साही एवं शिववंत मुहल्ले में करीबन तीन फुट समुद्री लहर गांव के अन्दर हिलोरे मार रही है। इससे इन मुहल्लों में रहने वाले 200 से अधिक परिवार की मुश्किल बढ़ गई है। सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचकर स्थिति से निपटने में जुट गए हैं। 

प्राप्त जानकारी के मुताबिक गुरुवार सुबह चिलिका में तितली के प्रभाव से 5 फुट ऊंचा ज्वार उठा था। यह ज्वार अरखकुदा गांव के पास मौजूद रिंग बांध को पार करते हुए गांव के अन्दर घुस गया। यह प्रक्रिया इतनी देर तक चली कि गांव के अन्दर 3 फुट ऊंचा समुद्र का पानी हिलोरे मारने गा। चिलिका में और एक मुहाण खोलने को लेकर गांव के लोगों में भय का माहौल बन गया है। 200 परिवार के घर-द्वार समुद्र के पानी में आ गए हैं। 

गंजाम में चक्रवात के बाद बारिश का कहर

गंजाम जिला के शेरगड़ ब्लाक में चक्रवाती तूफान तितली के प्रभाव के बाद भारी बारिश का दौर जारी है। परिणाम स्वरूप ब्लाक के 2 हजार हेक्टर खेत में लगी धान की फसल पूरी तरह से जलमग्न हो गई है। 500 से अधिक हेक्टर जमीन में सब्जी की खेती पूरी तरह से नष्ट हो गई है। शेरगड, तारेड़ो, पितल, तहीर बांदीआमा, पाकिड़ी, नरेन्द्रपुर, कुरुला आदि गांव के खेत पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं। इसे लेकर किसान हताश हो गए हैं। उसी तरह पंचायत देकर गुजरने वाली नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है। इससे नदी के किनारे रहने वाले गांव के लोग संभावित बाढ़ को लेकर सहमे हुए हैं। स्थानीय तहसीलदार डा. दयासिंधु परिड़ा, बीडीओ सुरंजन कुमार साहू ने कहा है कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है। वहीं पचायत के सदस्यों ने कहा है हमें हमारे नुकसान हुई फसलों का मुआवजा मिलना चाहिए। 

चक्रवाती तूफान से पुरी में समुद्र अशांत

चक्रवाती तूफान तितली का सीधा प्रभाव पुरी में भी देखा गया। हालांकि अनुमान के मुताबिक यहां पर पवन की गति काफी कम रही। यहां पर तूफान के प्रभाव से गुरुवार सुबह के समय 50 से 60 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है, मगर समुद्र पूरी तरह से अशांत हो गया। समुद्र में ऊंची ऊंची लहरें हिलोरा मार रही हैं। आझ सुबह समुद्र की लहरें बेलाभूमि रास्ते के समीप तक पहुंच जाने से लोगों में दहशत साफ तौर पर देखी गई। स्वर्गद्वार के पास समुद्र के किनारे मौजूद दुकानों तक समुद्र की लहरें गर्जन करते हुए आ रही हैं। यहां तक कि रेणुका गली के सामने तो उठी ज्वार बेलाभूमि मार्ग तक पहुंच रही है तो बेलाभूमि के बालू उड़कर सड़कों पर पहुंच गया है। हालांकि तूफान के प्रभाव से पुरी शहर में किसी प्रकार का कोई नुकसान होने का समाचार नहीं है।

बरहमपुर-रायगड़ा के बीच संपर्क कटा

चक्रवाती तूफान तितली से सबसे प्रभावित गजपति जिला में तेज हवा के साथ बारिश जारी रहने से आम जनजीनव बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। जानकारी के मुताबिक तूफान के प्रभाव से जिला में बुधवार रात से ही तेज हवा के साथ बारिश हो रही है। भारी बारिश होने से लेड़बंध नदी का पानी तीन फुट रास्ते के ऊपर से बह रहा है। इससे बरहमपुर-रायगड़ा के बीच संपर्क कट गया है। उसी तरह भारी बारिश के चलते अठरनला ब्रीज के ऊपर भी 5 फुट पानी प्रवाहित हो रहा है। इससे मोहना से अन्तरवा एवं गुमीगुड़ा के साथ 8 पंचायत के बीच संपर्क कट गया है। रास्तों पर पेड़ उखड़कर गिर गए हैं, जिससे इस इलाके में बिजली सेवा बाधित है। 

 उत्तराखंड में तूफान का अलर्ट
उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, नैनीताल, ऊधमसिंहनगर, पिथौरागढ़ और चम्पावत में भी मंगलवार को तूफान, बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की गयी थी। वहीं एडीजी अशोक कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड ने भी इस सम्बन्ध में नदी तटों, घटों व झरनों के किनारे स्नान व फोटो खींचने वाले स्थानों पर प्रर्याप्त मात्रा में पुलिस बल तैनात करने तथा चार-धाम में आने वाले श्रद्धालुओं/पर्यटकों को इस सम्बन्ध में समय से सूचित करने के आदेश दिए हैं।  

तूफान को देख बाजार में बढ़ी लोगों की भीड़
चक्रवाती तूफान तितली के भयंकर रूप धारण करने की खबर मिलने के बाद बुधवार को बाजार में लोगों की खासी भीड़ देखी गई। राजधानी में लोग खाद्य सामग्री खरीदकर अपने-अपने घरों में एकत्रित करने में जुट गए हैं। इसका फायदा उठाते हुए कुछ व्यापारियों ने खाद्य सामाग्री की अचानक कीमत बढ़ा दी है। कुछ जगहों पर आलू-प्याज जैसे जरूरी खाद्य सामग्री बाजार से गायब हो गई है। व्यापारियों की इस तरह की हरकत से लोगों की मुसीबत बढ़ गई है। हालांकि खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री सूर्य नारायण पात्र ने कहा है कि खाद्य सामग्री को लेकर उपभोक्ता चिंता ना करें। पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री मौजूद है। किसी भी जगह से काला बाजारी की खबर मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऊंचे दर पर सामग्री बिक्री करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का मंत्री ने निर्देश दिया है। 


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