सावधान! पीएम केयर्स, जनधन, ईएमआई, किसान सम्मान निधि के नाम पर ठगी, न करें ऐसी गलती
ठग पीएम रिलीफ फंड और सीएम रिलीफ फंड के नाम पर साइबर ठग फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को शिकार बना रहे हैं।
नई दिल्ली, एजेंसी। देशव्यापी लॉकडाउन के कारण देशवासी भले ही घरों में कैद हैं, लेकिन ठगों के लिए साइबरस्पेस खुला है। कोरोना वायरस संक्रमण के पीड़ितों की मदद के नाम पर साइबर ठगी के नए तरीके सामने आ रहे हैं। कोरोना पीड़ितों की सहायता के लिए सरकारी कोष में राशि जमा कराने की सूचनाएं सामने आने के बाद साइबर ठगों को ठगी का नया रास्ता मिल गया है।
साइबर ठग कोरोना वायरस पीड़ितों की सहायता के नाम पर फर्जी संदेश भेज रहे हैं और लिंक खोलते ही पैसे निकल रहे हैं। ठग पीएम रिलीफ फंड और सीएम रिलीफ फंड के नाम पर साइबर ठग फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को शिकार बना रहे हैं। इसके अलावा खातों से कटने वाली मासिक किस्त भी ठगी का नया तरीका बनी है। बैंकों की ओर से कर्ज की किस्त चुकाने के लिए जो राहत दी जा रही है, उसे लेकर कई तरह के फर्जी संदेश लोगों तक पहुंच रहे हैं।
ईएमआई की कटौती अधिकतर ग्राहकों के खातों से ही होती है। ऐसे में अब साइबर ठग बैंक से मिलते-जुलते नामों के लिंक भेजकर ग्राहकों के खाते साफ करने की कोशिश में हैं। बैंक ग्राहक किसी भी तरह का लिंक नहीं खोलें और किसी को भी ओटीपी या अन्य जानकारी साझा नहीं करें। इस तरह के मामले सामने आए बैंक कर्ज की किस्त माफी के नाम पर काफी शिकायतें पुलिस के पास आई हैं।
साइबर ठग बैंक प्रतिनिधि बनकर लोगों को फोन कर ईएमआई माफ किए जाने की सूचना देते हैं और इसके लिए ओटीपी मांगते हैं। इसी तरह पीएम केयर्स फंड के नाम पर भी ठगी हो रही है। इसमें यूपीआई एड्रेस में मामूली बदलाव करके नया यूपीआई बनाया जाता है और नाम की पूरी जानकारी नहीं होने के कारण लोग शिकार हो जाते हैं। इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों को भी ठगा जा रहा है। आयकर विभाग की ओर से फर्जी संदेश भेजकर कहा जाता है कि अपनी जानकारी यहां दीजिए। कोरोना पीड़ितों के लिए जो वेतन काटा गया है, उस पर आयकर में छूट मिलेगी।
ईएमआई के लिए न बताएं ओटीपी
साइबर अपराधी इस समय रिजर्व बैंक आफ इंडिया द्वारा दिए गए निर्देशानुसार लोन की किस्त (ईएमआई) की तारीख आगे बढ़ाए जाने के नाम पर बैंक ग्राहकों से ओटीपी मांग रहे हैं और ओटीपी मिलते ही उनके खातों से पैसे उड़ा ले रहे हैं। ठगों के इस कृत्य से लोगों को सावधान किया जा रहा है। बैंकों को भी अलर्ट किया गया है। बैंकों की तरफ से भी ग्राहकों को मैसेज के माध्यम से अवगत कराया जा रहा है कि वे कभी भी किसी को ओटीपी न बताएं।
काल अथवा मैसेज के माध्यम से ठगी
साइबर ठगों ने कोरोना संकट में प्रधानमंत्री की तरफ से बनाए गए पीएम केयर्स फंड को ही निशाना बना लिया था। वे पीएम केयर्स फंड की यूपीआई आईडी से मिलती जुलती यूपीआई आईडी बनाकर ठगी करने लगे थे। वे नए तरीके से भी ठगी कर रहे हैं। वे लोगों से कहते थे कि सरकार द्वारा कोरोना वायरस से बचाव के लिए सहायता राशि प्रदान की जा रही है। सहायता राशि का लालच देकर वे लोगों से उनकी व्यक्तिगत जानकारियां (बैंक डिटेल व फोन नंबर आदि ) लेकर काल अथवा मैसेज के माध्यम से ठगी कर रहे हैं।
किसी को न दें व्यक्तिगत जानकारी
उपभोक्ता वेरीफिकेशन के नाम पर अपनी एकाउंट संबंधी डिटेल, एटीएम नंबर, पिन कोड, सीवीवी कोड व व्यक्तिगत जानकारी की को न दें। साइबर ठग इसके सहारे खाते से धनराशि उड़ा लेते हैं। पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट का कहना है कि उपभोक्ताओं को लालच देने वाले संदेशों या फोन कॉल की पूरी तरह अनदेखी करनी चाहिए। इसके अलावा इसकी सूचना तुरंत साइबर सेल या संबंधित थाने में देनी चाहिए।