नोटबंदी का फैसला अचानक नहीं, पहले से हो रही थी बड़ी तैयारी !
पीएम मोदी द्वारा नोटबंदी का खाका भी इस दौरान ही खींचा गया था, ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं। इस कड़ी मेें पीएम मोदी ने 8 नवंबर को 500 और 1000 के नोट बंद करने का एलान कर दिया।
नई दिल्ली। नोटबंदी का फैसला मोदी सरकार का सबसे बड़ा फैसला माना जा रहा है। ऐसा नहीं है कि देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाला यह फैसला रातों रात लिया गया है। बल्कि इसकी तैयारी काफी पहले से की जा रही थी। इस साल फरवरी में कई अहम फैसलों पर मुहर लगाई गई थी। पीएम मोदी द्वारा नोटबंदी का खाका भी इस दौरान ही खींचा गया था, ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं। इसी कड़ी मेें पीएम मोदी ने 8 नवंबर को 500 और 1000 के नोट बंद करने का एलान कर दिया।
सरकार के कई फैसलों ने इसका संकेत दिया था। कार्ड द्वारा भुगतान पर ट्रांजेक्शन फीस की दरों को कम किया था। ई-भुगतान के लिए मशीनों का लगाना, सस्ते फोन पर भी ई-भुगतान को बढ़ावा देना शामिल है। ये कुछ ऐसे फैसले थे जिसके चलते कैशलेस अर्थव्यवस्था का रास्ता पहले ही बनाया जा चुका था और 8 नवंबर को इसका एलान भी कर दिया गया। सरकार ने अर्थव्यवस्था को डिजिटल बनाने के लिए पहले से ही बड़े प्रयास करने शुरू कर दिये थे। केंद्र और राज्य सरकार की संस्थाओं में भी डिजिटल लेनदेन को प्रभावी बनाया जा रहा था।
केंद्र सरकार के दफ्तरों में वेतन बांटने के लिए पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम (PFMS) का इस्तेमाल करना शुरु किया जा चुका था। यही नहीं सरकार ने छोटे व्यापारियों को डिजिटल लेनदेन की तरफ प्रोत्साहित करने के लिए प्रयास पहले ही शुरु कर दिए थे। इसके तहत सरकार ने व्यापारियों को कई तरह की छूट देने का एलान किया था। ये छूट 31 दिसंबर तक जारी है।
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