नोटबंदी से अटकी जीएसटी की गाड़ी
सरकार 29 राज्यों से लगातार बातचीत करके गुड्स और सर्विस टैक्स 1 अप्रैल से लागू करने का प्रयास कर रही है।
नई दिल्ली। एजेंसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले से जीएसटी की गाड़ी अटक गई है। इसके चलते आर्थिक मंदी की भी आशंका है। सरकार 29 राज्यों से लगातार बातचीत करके गुड्स और सर्विस टैक्स 1 अप्रैल से लागू करने का प्रयास कर रही है। लेकिन, नोटबंदी से हो रहे नुकसान के कारण राज्य जीएसटी में इसकी भरपाई की मांग कर रहे हैं।
जीएसटीके जरिए पूरे देश को एक बाजार बनाना है। राज्यों की आय पर असर 86 फीसदी करेंसी को सिस्टम से बाहर किए जाने के कारण लोगों को भारी दिक्कत का सामना करना प़़डा। कारोबार में मंदी के कारण राज्यों की आय प्रभावित हो रही है। राज्य सरकारें वैट और दूसरे तरह के टैक्स वसूलती हैं। नोटबंदी के कारण इसमें 25--40 फीसदी की कमी आई है।
राज्य अपनी आय के साधन के लिए एक और जोखिम नहीं लेना चाहते। 2 साल लगे सहमति बनाने में पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा के मुताबिक देश में निवेश और आर्थिक महौल खराब है। मित्रा इससे पहले जीएसटी समिति के अध्यक्ष रह चुके हैं। उनके मुताबिक देश जीएसटी और नोटबंदी के दो झटके कैसे सह सकता है।
केंद्र सरकार को जीएसटी पर राजनैतिक सहमति बनाने में 2 साल लग गए। केरल के वित्त मंत्री थॉमस आइसेक ने कहा, 'नोटबंदी ने भरोसे को हिला दिया है। इसके बाद मैं बैठकर समझौते को लेकर तैयार नहीं हूं।'Þ कंपनियों में अनिश्चितता का माहौल यदि जीएसटी पर गतिरोध नहीं दूर किया गया तो भारत वित्तीय संकट में फंस सकता है। जीएसटी सितंबर तक लागू हो जाना चाहिए। सितंबर तक अप्रत्यक्ष कर समाप्त हो जाएंगे। अनिश्चितता के कारण कंपनियों की चिंता ब़़ढ रही है।
कंपनियों को नए टैक्स के प्रभाव समझने हैं। डेलॉइट की सीनियर डायरेक्टर सलोनी रॉय के मुताबिक जीएसटी में से कई चीजें गायब है। इस कारण कंपनियों में अनिश्तिता है। राहत पैकेज का सुझाव मोदी ने नोटबंदी के जरिए समानांतर अर्थव्यवस्था पर भी चोट की है। नकदी की कमी के चलते नौकरियां जा रही हैं। सप्लाई चेन में भी दिक्कत आ रही है। कंस्ट्रक्शन की गति धीमी हो गई है। ऐसे में कुछ अर्थशास्त्री अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए इमरजेंसी पैकेज देने का सुझाव दे रहे हैं। विकास दर घटेगी मुंबई की ब्रोकरेज फर्म एंबिट कैपिटल का अनुमान है कि इस वित्त वषर्ष विकास की दर 7 फीसदी की आधी ही रह जाएगी। रिजर्व बैंक ने भी इस साल विकास दर का अनुमान घटाकर 7.1 फीसदी कर दिया है। ज्यादा राहत की मांग राज्य नोटबंदी से हुए नुकसान की भरपाई के लिए ज्यादा राहत की मंाग कर रहें हैं।
राज्यों ने वित्त मंत्री अरण जेटली से हुई बैठक में इस मुद्दे को उठाया भी। वित्तमंत्री पहले जीएसटी से राज्यों को 5 साल तक होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए तैयार हो गए हैं। ज्यादा राहत के लिए वित्त मंत्री के पास बजट में गुजांइश कम ही लगती है। किसानों को दिक्कत राज्यों का झग़़डा सिर्फ आय के नुकसान का नहीं है। कुछ राज्य नोटबंदी के सामाजिक और आर्थिक नुकसान को लेकर भी चिंतित हैं। केरल में राज्य कॉपरेटिव में किसान पुराने नोट जमा नहीं करवा पा रहे हैं और न ही नए ले पा रहे हैं। राज्य ने आरोप लगाया कि इसके जरिए प्राइवेट बैंको ब़़ढावा दिया जा रहा है।
उ़़डीसा के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि प्राथमिक कृषिष सोसाइटी पर प्रतिबंध लगाने के कारण किसानों को लोन में दिक्कत आ रही है। राज्य अ़़डे वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नोटबंदी के चलते राज्यों को हुए नुकसान की भरपाई की मांग को अनुचित बताया। हालांकि राज्य अ़़डे हुए हैं। पुदुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने कहा, 'अब उन्हें हमारे नुकसान की भरपाई करनी ही होगी।' राज्यों ने अब जीएसटी किस तरह वसूला जाए, इस पर भी अपनी राय क़़डी कर ली है।
राज्य 1.5 करोड़ तक के टर्नओवर वाले कारोबारियों पर नियंत्रण चाहते हैं। ब़़डी कंपनियों पर केंद्र और राज्य दोनों का नियंत्रण होगा। केरल के वित्त मंत्री आइसेक ने कहा, 'हम यहां तक पहुंचे क्योंकि राज्य समझौते के लिए तैयारी हुए। यदि वे जीएसटी चाहते हैं तो उन्हें राज्यों की बात मानना ही होगी।